कौन हैं संजय कुमार मिश्रा, जिन्होंने बड़े नेताओं पर ED की जांच को किया लीड

1984 बैच के इनकम टैक्स कैडर के अफसर एसके मिश्रा अपने समय के सबसे युवा अधिकारी थे. उन्हें 19 नवंबर 2018 को ED का डायरेक्टर बनाया गया था. अब तक उन्हें तीन बार सेवा विस्तार दिया जा चुका है.

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केंद्र सरकार ने ईडी चीफ संजय कुमार मिश्रा का कार्यकाल तीसरी बार नवंबर 2023 तक बढ़ा दिया था.
नई दिल्ली:

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने मंगलवार को प्रवर्तन निदेशालय (ED) प्रमुख संजय कुमार मिश्रा (ED Chief Sanjay Kumar Mishra) को दिए गए तीसरे सेवा विस्तार (Service Extension) को अवैध घोषित किया है. कोर्ट ने उन्हें 31 जुलाई 2023 तक पद छोड़ने का समय दिया है. सरकार ने उनका कार्यकाल नवंबर 2023 तक बढ़ा दिया था. कोर्ट ने कहा कि 2021 में सुप्रीम कोर्ट के पिछले आदेश के मद्देनजर संजय कुमार मिश्रा को नवंबर 2022 से आगे विस्तार नहीं दिया जा सकता था. उनके सेवा विस्तार को सुप्रीम कोर्ट के सितंबर 2021 के आदेश पर आधार पर चुनौती दी गई थी. 

संजय कुमार मिश्रा ने अपनी सर्विस के दौरान सबसे ज्यादा वीआईपी के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों और केस की जांच की है. आइए जानते हैं कौन हैं संजय कुमार मिश्रा और अब तक कैसा रहा है उनका काम...

1984-बैच के IRS अधिकारी
संजय कुमार मिश्रा 1984 में इंडियन रेवेन्यू सर्विस यानी IRS में सिलेक्ट हुए थे. वे करीब 34 साल इनकम टैक्स डिपार्टमेंट में सर्विस दे चुके हैं. इसके अलावा वे विदेशों में धन छुपाने वाले भारतीयों के मामलों को देखने वाले केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड यानी CBDT के विदेशी कर विभाग में भी काम कर चुके हैं. 63 वर्षीय एसके मिश्रा को पहली बार 2018 में दो साल की निर्धारित अवधि के लिए प्रवर्तन निदेशालय का डायरेक्टर नियुक्त किया गया था.

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केंद्र ने तीन बार दिया सर्विस एक्सटेंशन
इसके बाद मोदी सरकार ने उन्हें तीन सर्विस एक्सटेंशन दिए. सरकार पिछले साल एक अध्यादेश लेकर आई थी, जिसमें कहा गया था कि प्रवर्तन निदेशालय और सीबीआई जैसी जांच एजेंसियों के निदेशकों का कार्यकाल दो साल के अनिवार्य कार्यकाल के बाद तीन साल तक बढ़ाया जा सकता है.

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5 साल के कार्यकाल में ईडी ने दर्ज किए 4000 मामले
एसके मिश्रा ने अब तक अपने पांच साल के कार्यकाल के दौरान कई पूर्व मंत्रियों और शक्तिशाली नेताओं पर शिकंजा कसा. उनकी लीडरशिप में जांच एजेंसी ने 4000 मामले दर्ज किए और 3000 सर्च ऑपरेशन किए.

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एसके मिश्रा की अगुवाई में इन नेताओं पर कसा शिकंजा
एसके मिश्रा की अगुवाई में ही ईडी ने पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम, झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, कर्नाटक कांग्रेस अध्यक्ष डीके शिवकुमार, एनसीपी नेता शरद पवार, महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख, नवाब मलिक, नेशनल कॉन्फ्रेंस नेता फारूक अब्दुल्ला, उनके बेटे उमर अब्दुल्ला, जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती, तमिलनाडु के शक्तिशाली मंत्री सेंथिल बालाजी और तृणमूल कांग्रेस के पूर्व मंत्री पार्थ चटर्जी समेत अन्य नेताओं पर मनी लॉन्ड्रिंग मामले की जांच की.

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विपक्ष ने किया विरोध
ईडी के एक्शन का विपक्ष ने कड़ा विरोध किया. विपक्ष और खासकर कांग्रेस ने जांच एजेंसी को उत्पीड़न और सत्ता का दुरुपयोग तक कह दिया. विपक्ष के नेता केंद्र पर जांच एजेंसियों के दुरुपयोग का आरोप लगाते हुए सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गए. हालांकि, अदालत ने एसके मिश्रा के तहत की गई कार्रवाई को रद्द नहीं किया या उनमें दोष नहीं पाया.

सीबीआई का सहयोगी बना ईडी
एजेंसी की कार्रवाइयों ने स्पष्ट रूप से सरकार के लिए समर्थन बढ़ाया. जांच एजेंसी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'ना खाऊंगा, ना खाने दूंगा' (मैं भ्रष्टाचार की अनुमति नहीं दूंगा) के वादे को पूरा किया. एसके मिश्रा की देखरेख में प्रवर्तन निदेशालय में विशेषज्ञों, प्रशिक्षित पेशेवरों को शामिल किया गया. यहां तक ​​कि कई हाई-प्रोफाइल मामलों को भी इस एजेंसी ने बखूबी निपटाया. पहले ऐसे हाईप्रोफाइल केस सिर्फ सीबीआई के लिए होते थे.

टैक्स सिस्टम, अर्थशास्त्र और विदेशी मुद्रा में अच्छी समझ
एसके मिश्रा के साथ काम कर चुके कई अधिकारी उनके वर्किंग स्टाइल और डेडिकेशन की तारीफ करते हैं. एसके मिश्रा जिस भी मामले को संभाल रहे हैं, उसके बारे में कुछ भी नहीं भूलते हैं. छोटी-छोटी बातों पर ध्यान केंद्रित करते हैं. साथ ही उम्मीद करते हैं कि उनकी टीम हमेशा तैयार रहेगी. उन्हें राजनीति और व्यापार के संबंधों को समझने में गहरी रुचि रखने वाले और टैक्स सिस्टम, अर्थशास्त्र और विदेशी मुद्रा से संबंधित मामलों को समझने वाले व्यक्ति के रूप में देखा जाता है.

मजबूत याददाश्त रखते हैं एसके मिश्रा
एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर कहा, "वह पूरी तरह से पेशेवर दृष्टिकोण के साथ भ्रष्टाचारियों के पीछे जाते हैं. प्रक्रियाओं में सभी खामियों को दूर करते हैं. जैसा कि किसी भी अनुभवी नौकरशाह को करना चाहिए. वह राजनेताओं के साथ कोई 'नेटवर्किंग' नहीं करते हैं या 'समझ लेने' की कोई गुंजाइश नहीं छोड़ते हैं. यही कारण है कि वह यहां आए हैं और पांच साल तक बहुत अच्छा काम किया. उनकी याददाश्त मजबूत है. इसलिए इससे चीजों को तेजी से आगे बढ़ाने में मदद मिलती है.'' 

यूपी से आते हैं एसके मिश्रा
एसके मिश्रा उत्तर प्रदेश के एक मध्यम वर्गीय परिवार से हैं. उनकी हमेशा से साइंस रिसर्च में दिलचस्पी रही है. उन्होंने लखनऊ विश्वविद्यालय से बायो केमेस्ट्री में डिग्री ली है. इनकम टैक्स डिपार्टमेंट में बतौर चीफ इनकम टैक्स कमिश्नर उन्होंने कई हाई प्रोफाइल मामलों की जांच की. नेशनल हेराल्ड अखबार के मालिक गांधी परिवार द्वारा संचालित संगठन 'यंग इंडिया' में उनकी जांच ने उन्हें सुर्खियों में ला दिया था. इसके बाद उन्होंने ईडी प्रमुख का पद संभाला.

सोनिया-राहुल गांधी से भी की पूछताछ
दरअसल, एसके मिश्रा के कार्यकाल में ही ईडी ने कांग्रेस नेता सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा के पति रॉबर्ट वाड्रा के खिलाफ जांच शुरू की थी. नेशनल हेराल्ड मामले में सवालों का जवाब देते हुए राहुल गांधी ने पांच दिनों में करीब 42 घंटे और सोनिया गांधी ने तीन दिनों में 13 घंटे ईडी ऑफिस में बिताए.

PMLA एक्ट का सख्ती से हुआ पालन
एसके मिश्रा के कार्यकाल में धन शोधन निवारण अधिनियम, 2018 (Prevention of Money Laundering Act) के तहत भगोड़े आर्थिक अपराधी अधिनियम और विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम की नागरिक धाराओं का सख्ती से कार्यान्वयन भी देखा गया.

मिश्रा के कार्यकाल में जांच एजेंसी ने वीवीआईपी हेलिकॉप्टर मामले के आरोपियों और कथित बिचौलियों क्रिश्चियन मिशेल और राजीव सक्सेना को भी निर्वासित कर दिया था.

सेवा विस्तार पर सरकार ने दी ये दलील
एसके मिश्रा को दिए गए सेवा विस्तार को चुनौती देने वाले राजनीतिक नेताओं द्वारा दायर कई याचिकाओं पर वित्त मंत्रालय ने अदालत को बताया कि एक नए व्यक्ति को नए संगठन के कामकाज के साथ तालमेल बिठाने में समय लग सकता है. सरकार ने एसके मिश्रा को कई एक्सटेंशन देने के अपने कदम का बचाव करते हुए कहा कि यह सार्वजनिक हित में किया गया था. क्योंकि विभिन्न मामले महत्वपूर्ण मोड़ पर थे. जिनकी जांच एसके मिश्रा की अगुवाई में हो रही है. उनके उचित और जल्द निपटारे के लिए अधिकारियों की निरंतरता सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण था. लिहाजा एसके मिश्रा को सेवा विस्तार दिया गया.

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