न्यूयॉर्क (अमेरिका): अरबपति उद्योगपति एलन मस्क ने कहा कि धरती का सबसे अधिक आबादी वाला देश होने के बावजूद भारत का संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में स्थायी सदस्य न होना ‘‘बेतुका'' है और उन्होंने इस विश्व निकाय में बदलाव करने का आह्वान किया. टेस्ला के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) की यह टिप्पणी तब आयी है जब संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने यूएनएससी के स्थायी सदस्यों की सूची में किसी अफ्रीकी देश के शामिल न होने को लेकर चिंता जतायी थी.
गुतारेस ने मस्क के मालिकाना हक वाले ‘एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘हम यह कैसे स्वीकार कर सकते हैं कि अफ्रीका का एक भी देश सुरक्षा परिषद का स्थायी सदस्य नहीं है.'' उन्होंने कहा, ‘‘संस्थानों को आज के विश्व का प्रतिनिधित्व करना चाहिए न कि 80 साल पहले के विश्व का. सितंबर में होने वाला भविष्य का शिखर सम्मेलन वैश्विक शासन में सुधार और पुनर्निर्मित विश्वास पर विचार करने का एक अवसर होगा.''
गुतारेस के पोस्ट पर अमेरिका में जन्मे इजराइली उद्यम पूंजीपति माइकल आइजनबर्ग ने भारत के प्रतिनिधित्व का मुद्दा उठाया. मस्क भी इस बहस में शामिल हुए और उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र की मौजूदा संरचना दुनिया के सबसे अधिक आबादी वाले देशों का पर्याप्त प्रतिनिधित्व नहीं करती है.
उन्होंने कहा, ‘‘कहीं न कहीं संयुक्त राष्ट्र निकायों में बदलाव की आवश्यकता है. '' मस्क ने ‘एक्स' पर अपने जवाब में कहा, ‘‘समस्या यह है कि जिनके पास जरूरत से अधिक शक्ति है वह इसे छोड़ना नहीं चाहते. धरती पर सबसे अधिक आबादी वाला देश होने के बावजूद भारत के पास सुरक्षा परिषद में स्थायी सीट न होना बेतुका है.''
वर्तमान में, संयुक्त राष्ट्र के पांच स्थायी सदस्य हैं - चीन, फ्रांस, रूस, ब्रिटेन और अमेरिका. केवल एक स्थायी सदस्य के पास ही किसी जरूरी प्रस्ताव पर वीटो करने की शक्ति होती है.