मस्क के 'गालीबाज Grok' पर अब एक्शन की तैयारी, जवाबों की हो रही जांच

दुनिया के सबसे अमीर अरबपति और सोशल मीडिया कंपनी X के मालिक एलन मस्क का चैटबॉट GROK AI के खिलाफ कई उपयोगकर्ताओं ने शिकायत की है कि GROK AI उनके सवालों के जवाब के दौरान अपशब्द का भी इस्तेमाल कर रहा है.

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नई दिल्ली:

सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X से GROK AI की ओर से अपशब्दों के कथित इस्तेमाल की शिकायतों पर जवाब मांगा है. इस विवाद से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस प्लेटफॉर्म्स को रेगुलेट करने के सख्त पहल की मांग फिर तेज हो गई है.

दुनिया के सबसे अमीर अरबपति और सोशल मीडिया कंपनी X के मालिक एलन मस्क का चैटबॉट GROK AI के खिलाफ कई उपयोगकर्ताओं ने शिकायत की है कि GROK AI उनके सवालों के जवाब के दौरान अपशब्द का भी इस्तेमाल कर रहा है. सूत्रों के मुताबिक इन शिकायतों का संज्ञान लेते हुए सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X से इसपर स्पष्टीकरण मांगा है और इस मामले की तहकीकात कर रहा है.

'AI प्लेटफार्म की जवाबी तय की जाए'
उधर, इस मसले पर संसद में GROK AI जैसे मामले से सख्ती से निपटने पर संसद में राजनीतिक सहमति बनती दिख रही है. पूर्व कानून राज्य मंत्री और बीजेपी के लोकसभा सांसद, पीपी चौधरी ने एनडीटीवी से कहा, "GROK AI को लेकर उठे विवाद के बाद यह महत्वपूर्ण हो गया है कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से जनरेट होने वाले कंटेंट और AI प्लेटफार्म की जवाबी तय की जाए. जिस तरह सोशल मीडिया को रेगुलेट करने के लिए कानून में सोशल मीडिया कंपनियों के जवाब दे ही तय की गई है. उसी तर्ज पर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से इनफॉरमेशन जनरेट करने वाले प्लेटफार्म की जवाबदेही भी तय करना होगा. उन्हें sakhti से रेगुलेट करना होगा"

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कांग्रेस भी नए लीगल फ्रेमवर्क के पक्ष
कांग्रेस भी आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस प्लेटफॉर्म्स तो सख्ती से रेगुलेट करने के लिए एक नए लीगल फ्रेमवर्क के पक्ष में है. सुप्रीम कोर्ट के वकील और कांग्रेस सांसद विवेक तन्खा ने एनडीटीवी से कहा, "AI जेनरेटेड कंटेंट को रेगुलेट करना बेहद जरूरी है. इस मुद्दे पर संसद में चर्चा होनी चाहिए कि किस तरह आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के दुरुपयोग को रोका जा सके."

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आईटी विशेषज्ञ पवन दुग्गल ने कहा कि GROK AI विवाद से ये सवाल हम सबके सामने महत्वूर्ण हो गया है कि क्या आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस को रेगुलेट करने की जरुरत है? आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल काफी तेजी से बढ़ता जा रहा है. GROK AI ने जिस तरह से यूजर के सवालों के जवाब देने के दौरान अपशब्दों का इस्तेमाल किया है. उससे ये सवाल उठता है कि क्या देश में AI को रेगुलेट करने के लिए एक कानून बनना चाहिए.

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Grok AI को लेकर जारी विवाद के बीच सरकार ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से जनरेट होने वाली इनफॉरमेशन को रेगुलेट करने को लेकर लोकसभा में एक महत्वपूर्ण स्पष्टीकरण दिया है. आईटी राज्य मंत्री जीतेन्द्र प्रसाद ने बुधवार को एक लिखित जवाब में कहा कि AI या किसी भी प्लेटफार्म से जो कंटेंट जेनरेट किया जा रहा है वो आईटी कानून के दायरे में आता है. सरकार AI से होने वाले खतरे के प्रति सतर्क है और उसके दुरूपयोग को रोकने के लिए जरूरी कदम उठाने को तैयार है.

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