दिल्ली-एनसीआर समेत पूरा उत्तर भारत इन दिनों हीट वेब का कहर झेल रहा है. तपन इतनी ज्यादा बढ़ गई है कि मौतें तक हो रही हैं. हीटवेब के बढ़ते संकट की वजह से देश के बड़े महानगर "Heat Islands" बनते जा रहे हैं. पर्यावरण पर रिसर्च करने वाली संस्था सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट ने बताया है कि आखिर बढ़ते हीट वेब की वजह क्या है दिन के साथ ही अब रातें भी गर्म क्यो होने लगी हैं. उनका कहना है कि पिछले कुछ दिनों में हीट आइलैंड्स की वजह से शहरी इलाकों में रात में भी न्यूनतम तापमान में बहुत ज्यादा बढ़ने लगा है. इसकी बड़ी वजह शहरों का बढ़ता कंक्रीटाइजेशन और हाई राइज बिल्डिंग्स का बहुत ज्यादा होना है. ये इमारतें दिन में तेज़ गर्मी को सोख लेती हैं और रात को इसे रिलीज़ करती हैं.
अब रातें भी क्यों होने लगी गर्म?
दिल्ली-एनसीआर समेत पूरे उत्तर पश्चिम भारत के करोड़ों लोग दिन में तो गर्म हवा के थपेड़े झेल ही रहे हैं, पिछले कुछ हफ़्तों से उनको बेहद गर्म रातों के सितम से भी जूझना पड़ रहा है. भारतीय मौसम विभाग के मुताबिक बुधवार को दिल्ली समेत पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, पश्चिमी उत्तर प्रदेश और उत्तरी राजस्थान के कई हिस्सों में रात को न्यूनतम तापमान 30-34 डिग्री सेल्सियस के बीच रहा, जो सामान्य से 4-7 डिग्री सेल्सियस ऊपर था.
पर्यावरण पर रिसर्च करने वाली संस्था 'सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट' ने देश के बड़े महानगरों में हीट वेब संकट पर जारी एक शोध पत्र में बड़ा खुलासा किया है. उनका कहना है कि शहरों के बढ़ते कंक्रीटाइजेशन और बढ़ती हाई राइज बिल्डिंग्स की वजह से हीट आयलैंड इफेक्ट बढ़ता जा रहा है. अब आलन ये है कि रात में भी बहुत ज्यादा गर्मी महसूस होने लगी है.
ऊंची इमारतों से कैसे बढ़ रही गर्मी?
'सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट' के प्रोग्राम डायरेक्टर रजनीश सरीन ने एनडीटीवी से कहा, "पिछले 10 साल में कंक्रीटाइजेशन बढ़ा है. आसपास के इलाकों में जहां एग्रीकल्चर लैंड हुआ करता था, वहां भी बहुत कंक्रीटाइजेशन हुआ है. कंक्रीट बिल्डिंग दिन में हीट को बहुत ज्यादा अब्जॉर्ब करती हैं, रात होते ही हीट को रिलीज करने लगती हैं. यही वजह है की बड़े शहरों में रातें भी काफी गर्म होने लगी हैं. आज कई जगहों पर AC फट रहे हैं. ये भी हीट आयलैंड इफेक्ट की वजह से ही हो रहा है. रिसर्च में पाया गया है कि कनॉट प्लेस में बिल्डिंग सफेद है, लेकिन सड़क काली है, पार्किंग ग्रे है... बिल्डिंग का रूफटॉप भी ग्रे है. वहां ग्रीन एरिया काफी घट गया है. इसकी वजह से कनॉट प्लेस इलाके में गर्मी काफी ज्यादा बढ़ गई है".
सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरमेंट ने 6 बड़े शहरों, दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई, हैदराबाद और बेंगलुरु में हीट वेब संकट की स्टडी के दौरान पाया कि लगभग हर शहर में पिछले कुछ सालों में बुल्ट-अप-एरिया और कंक्रीटाइजेशन में काफी ज़्यादा बढ़ोतरी दर्ज़ हुई है.
महानगरों में गर्मी बढ़ने की वजह क्या?
रजनीश सरीन ने एनडीटीवी से कहा, "दिल्ली में आपको हर तरफ हाई राइज बिल्डिंग्स का कंस्ट्रक्शन दिखता है. इसकी वजह से हवा का दबाव और हवा की दिशा भी बदली है. हर तरफ कंक्रीट स्ट्रक्चर्स बनाने से, कंक्रीट के पहाड़ बनाने से हवा की निकासी नहीं हो पा रही है. इसी को ही हीट आइलैंड इफेक्ट कहते हैं. हमने पाया है दिल्ली और दूसरे बड़े महानगरों के ऊपर एक Dome बन गया है. ये सभी 6 महानगरों में देखा गया है".
दिल्ली, मुंबई समेत देश के 5 बड़े शहरों में Humidity भी पिछले दस साल में 5% से 10% तक बढ़ गई है, जिस वजह से हीट वेब का संकट और गहरा गया है, आम लोगों में हीट स्टैस बढ़ता जा रहा है, क्योंकि वो अब ज्यादा गर्मी महसूस कर रहे हैं.
जानकारों के मुताबिक अभी इस संकट से निपटने में फोकस इमरजेंसी रिस्पांस सिस्टम पर है, लेकिन सरकारी एजेंसियों को इस संकट से निपटने के लिए बड़े स्तर पर नई रणनीति बनानी होगी, नई बिल्डिंग का निर्माण इंसुलेटेड मटेरियल से करना होगा, कंक्रीट का इस्तेमाल तेज़ी से घटाना होगा.
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