पुणे में बुजुर्ग व्यक्ति की 'गुइलेन-बैरे सिंड्रोम' से मौत, मृतकों की संख्या हुई 6

पुणे नगर निगम के स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया, ‘‘बुधवार को बुजुर्ग व्यक्ति की हालत बिगड़ गई और तीव्र 'इस्केमिक स्ट्रोक' के कारण उनकी मृत्यु हो गई.’’ ‘इस्केमिक स्ट्रोक’ तब होता है जब रक्त का थक्का मस्तिष्क तक जाने वाली धमनी को अवरुद्ध कर देता है.

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महाराष्ट्र के पुणे जिले में 63 वर्षीय एक व्यक्ति की मौत के बाद संदिग्ध 'गुइलेन-बैरे सिंड्रोम' (जीबीएस) से मरने वालों की संख्या छह तक पहुंच गई है. एक स्वास्थ्य अधिकारी ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी. अधिकारी ने बताया कि बुखार, दस्त और पैरों में कमजोरी की शिकायत के बाद बुजुर्ग व्यक्ति को सिंहगढ़ रोड क्षेत्र के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया और जांच में पता चला कि उन्हें जीबीएस है.

पुणे नगर निगम के स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया, ‘‘बुधवार को बुजुर्ग व्यक्ति की हालत बिगड़ गई और तीव्र 'इस्केमिक स्ट्रोक' के कारण उनकी मृत्यु हो गई.'' ‘इस्केमिक स्ट्रोक' तब होता है जब रक्त का थक्का मस्तिष्क तक जाने वाली धमनी को अवरुद्ध कर देता है.

अधिकारी ने बताया कि इन छह मौतों में से पांच की मौत संदिग्ध रूप से जीबीएस के कारण हुई है, जबकि एक मरीज की मौत इस बीमारी से हुई है. महाराष्ट्र स्वास्थ्य विभाग की एक विज्ञप्ति में कहा गया है कि तीन नए मामलों का पता चलने के साथ ही पुणे में जीबीएस के संदिग्ध मामलों की संख्या बढ़कर 173 हो गई.

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