राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के प्रमुख शरद पवार ने शनिवार को दावा किया कि लोगों को जाति तथा धर्म के आधार पर बांटने की कोशिशें की जा रही हैं तथा सत्तारूढ़ नेता लोगों की समस्या सुलझाने के बजाय ‘‘मंदिर की राजनीति'' कर उनका ध्यान भटकाने की कोशिश में लगे हैं. उत्तरी महाराष्ट्र में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पवार ने मुंबई में कपड़ा मिल के मराठी भाषी मजदूरों की दुर्दशा के लिए मौजूदा केंद्र सरकार की आर्थिक नीति को जिम्मेदार ठहराया.
पवार ने सरकार पर श्रमिक संघों को कमजोर करने की कोशिश करने तथा उन्हें उस पर निर्भर बनाने का आरोप लगाया और देश में मजदूरों से अपना भविष्य सुरक्षित करने के लिए एकजुट होने की अपील की.
उन्होंने दावा किया, "कई जगहों पर सरकारी काम बंद हो रहे हैं. लोगों को जाति और धर्म के नाम पर बांटने की कोशिश हो रही है. बेरोजगारी, महंगाई जैसे कई मुद्दे हैं और उम्मीदें हैं कि इन समस्याओं को हल करने के लिए सत्ता का इस्तेमाल किया जाना चाहिए, लेकिन इसमें शासकों की दिलचस्पी नहीं है."
अयोध्या दौरे पर गए महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे पर तीखा प्रहार करते हुए पवार ने कहा कि लोगों का असली समस्याओं से ध्यान भटकाने के लिए उन्हें मंदिर की राजनीति जैसे मुद्दों में शामिल करने के प्रयास किए जा रहे हैं.
पवार ने कहा, "ये कठिन समय है. हमें सतर्क रहना होगा. आप देश के लिए और यहां तक कि अन्य देशों के लिए भी काम करते हैं. मुझे आपके भविष्य पर संदेह नहीं है, यह उज्ज्वल है, लेकिन यह आपकी एकता पर निर्भर करता है."
वह हिंद मजदूर सभा के स्थापना दिवस की प्लेटिनम जयंती के मौके पर बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे.
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