मध्य प्रदेश में एक धर्म गुरु की आवभगत के लिए सरकारी प्राइमरी स्कूल में पढ़ाई बंद करवा दी गई. स्कूल के खुले परिसर में भोजनालय बनाया गया औऱ आंगनवाड़ी केंद्र को एसी युक्त करके धर्म गुरु के आरामगृह में तब्दील किया गया. यह घटना मध्य प्रदेश के शिवपुरी जिले के रथखेड़ा गांव की है, जहां राज्यमंत्री सुरेश धाकड़ के सहयोग से भागवत कथाका आयोजन किया गया था, यह आयोजन मंदिर के पुनरोद्धार के बाद किया गया था. प्राइमरी स्कूल परिसर का इस्तेमाल खाना पकाने के लिए किया गया और वहीं प्रसाद भी बनाया गया. स्कूल की कुछ कक्षाओं को भोजन के लिए लाई गई सब्जियां रखने और मिनरल वाटर की बोतलें रखने के लिए इस्तेमाल किया गया. जबकि अन्य कक्षाओं में महिलाओं को ठहराया गया.
इस कारण स्कूल की पढ़ाई में व्यवधान आय़ा, जो मंदिर में तीन अप्रैल से शुरू हुई थी. स्कूल के कुछ बच्चों का कहना है कि चूंकि टेंट स्कूल परिसर के अंदरही लगाया गया है, ऐसे में वहां कक्षाएं नहीं चल पा रही हैं. स्थानीय ग्रामीण सूरज सिंह का भी कहना है कि स्कूल में कक्षाएं नहीं चल पा रही हैं. आंगनवाड़ी केंद्र को धार्मिक नेता के लिए एयरकंडीशनर युक्त आराम गृह बनाया गया है.हालांकि जब बीजेपी विधायक और राज्य सरकार में मंत्री सुरेश धाकड रथखेडा से इस बारे में सवाल किया गया तो उन्होंने भागवत कथा के कारण स्कूली पढ़ाई में किसी प्रकार के व्यवधान से इनकार किया.
उन्होंने उल्टे सवाल किया कि आपसे किसने कहा कि स्कूल बंद है. भागवत कथा से स्कूल में पढ़ाई लिखाई किसी प्रकार से प्रभावित नहीं हो रही है. रथखेड़ा गांव स्थानीय बीजेपी विधायक का निवास स्थान भी है, रथखेड़ा बीजेपी नेता और केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के करीबी हैं. राज्य के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा भी भागवत कथा पंडाल में पहुंचे थे.