ED ने की बड़ी कार्रवाई, फर्जी क्रिप्टोकरेंसी स्कैम 'एमोलिएंट सिक्का' में 6 करोड़ की संपत्ति अटैच

ईडी की जांच में सामने आया कि इस पूरे फर्जी क्रिप्टो स्कीम का असली मास्टरमाइंड नरेश गुलिया ही था. उसने “एमोलिएंट सिक्का” नाम की एक फर्जी क्रिप्टोकरेंसी और मल्टी-लेवल मार्केटिंग स्कीम की शुरुआत की थी. इसके लिए एक नकली मोबाइल ऐप भी तैयार किया गया था, जिसे Naresh Gulia खुद कंट्रोल करता था.

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प्रवर्तन निदेशालय श्रीनगर ने फर्जी क्रिप्टोकरेंसी स्कैम “Emollient Coin” के मामले में बड़ी कार्रवाई करते हुए दो बैंक खातों और उत्तराखंड के घाटी रिवर वैली, देहरादून स्थित अचल संपत्तियों को अस्थायी रूप से अटैच किया है. अटैच की गई संपत्तियों की कुल कीमत लगभग 2.34 करोड़ रुपये है. इस घोटाले की जड़ें भारत और ब्रिटेन तक फैली हुई हैं.

यह फर्जी स्कीम  The Emollient Coin Limited, UK नाम की कंपनी के तहत चलाई जा रही थी, जिसे भारत में  नरेश गुलिया नामक शख्स प्रमोट कर रहा था.

लद्दाख पुलिस की FIR से शुरू हुई थी जांच
इस मामले में ईडी ने जांच की शुरुआत लद्दाख पुलिस द्वारा दर्ज एक FIR के आधार पर की, जो लेह के पुलिस स्टेशन में दर्ज हुई थी. FIR में अत्तिउल रहमान मीर (लेह निवासी) और अजय कुमार उर्फ अजय चौधरी (जम्मू निवासी) के खिलाफ IPC की धारा 420 (धोखाधड़ी) के तहत केस दर्ज किया गया था.

नरेश गुलिया बना फर्जी क्रिप्टो का मास्टरमाइंड
ईडी की जांच में सामने आया कि इस पूरे फर्जी क्रिप्टो स्कीम का असली मास्टरमाइंड  नरेश गुलिया ही था. उसने “Emollient Coin” नाम की एक फर्जी क्रिप्टोकरेंसी और मल्टी-लेवल मार्केटिंग स्कीम की शुरुआत की थी. इसके लिए एक नकली मोबाइल ऐप भी तैयार किया गया था, जिसे  नरेश गुलिया खुद कंट्रोल करता था.

हालांकि, कंपनी को 5 मार्च 2019 को जानबूझकर बंद कर दिया गया था. यह स्कीम लोगों को 10 महीने के भीतर निवेश को दोगुना करने का झांसा देकर शुरू की गई थी. लेकिन जब निवेशकों का लॉक-इन पीरियड खत्म होने वाला था, तब ऐप की वैल्यू गिरा दी गई और अक्टूबर-नवंबर 2019 में ऐप अचानक काम करना बंद कर गई.

लोगों से 6.05 करोड़ की ठगी
नरेश गुलिया को अजय चौधरी से 2.05 करोड़ और अत्तिउल मीर से 4 करोड़ मिले, जो कि सीधे उन  निवेशकों से ठगे गए पैसे थे, जिनमें ज़्यादातर लेह और जम्मू के लोग शामिल थे. यह रकम अपराध से कमाई रकम थी

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पहले भी हो चुकी है करोड़ों की जब्ती
इससे पहले ईडी ने इसी केस में नरेश गुलिया के घर से 91 लाख रुपये  जब्त किए थे और जम्मू, नई दिल्ली और सोनीपत   स्थित 11 अचल संपत्तियों को अटैच किया था, जिनकी कुल कीमत 3.66 करोड़ रुपये थी. अब तक इस केस में कुल 6 करोड़ की संपत्ति अटैच की जा चुकी है और 91 लाख रुपये नकद जब्त किए जा चुके हैं.

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