प्रवर्तन निदेशालय (ED) FEMA (विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम, 1999) के एक मामले में राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत के बेटे को समन भेजकर पूछताछ के लिए बुलाया है. ED की तरफ से यह समय उस समय दिया गया है जब एजेंसी पहले से ही राजस्थान पेपर लीक मामले में राजस्थान कांग्रेस प्रमुख गोविंद सिंह डोटासरा के ठिकानों पर छापेमारी कर रही है. बता दें कि कुछ दिन बाद ही राज्य में विधानसभा चुनाव होने हैं. ऐसे में चुनाव से ठीक पहले ED की इस कार्रवाई को बेहद खास माना जा रहा है. ED ने शुक्रवार को अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत को दिल्ली के दफ्तर में पूछताछ के लिए बुलाया है.
राजस्थान में कई जगहों पर हो रही है तलाशी
बता दें कि गुरुवार की सुबह से ही ED की टीम राजस्थान कांग्रेस प्रमुख के जयपुर, दौसा और सीकर में ठिकानों पर तलाशी अभियान चला रही है. अब तक की जानकारी के हिसाब से ये छापेमारी राजस्थान परीक्षा पेपर लीक मामले में मनी लॉन्ड्रिंग जांच के संबंध में है. पेपर लीक मामले, मनी लॉन्ड्रिंग और हवाला के ज़रिए रुपयों के लेनदेन मामलों की गुप्त शिकायतें ED को इन नेताओं के खिलाफ मिली हैं. पिछले दिनों आरपीएसी सदस्य बाबुलाल कटारा से हुई पूछताछ, कुछ कोचिंग संचालकों की ईडी में शिकायतों के बाद यह कार्रवाई हुई है.
मुंबई का है फर्म
गौरतलब है कि कुछ महीने पहले ही ईडी ने ट्राइटन होटल्स नामक मुंबई स्थित फर्म के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग मामले में छापे मारे थे. उस दौरान विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम, 1999 (फेमा) के तहत जयपुर, उदयपुर, मुंबई और दिल्ली में विभिन्न स्थानों पर 29 से 31 अगस्त तक तलाशी भी ली गई थी. रिसॉर्ट्स प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के निदेशक रतन कांत शर्मा हैं, जो राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत के बिजनेस पार्टनर भी हैं.
अशोक गहलोत ने कुछ समय पहले ED पर उठाए थे सवाल
बता दें कि सीएम अशोक गहलोत ने कुछ समय पहले ही ED की कार्यशैली को लेकर भी एक टिप्पणी की थी. उन्होंने कहा था कि ईडी द्वारा देश में तमाशा किया जा रहा है. उनका यह बयान राहुल गांधी से की गई पूछताछ के बाद आया था. उन्होंने उस दौरान कहा था कि आज सोनिया जी को तीसरी बार बुलाया गया है. ईडी का आतंक पूरे देश में है. ईडी का कनविक्शन रेट 5% भी नहीं है. ये लोकतंत्र में उचित नहीं है. ईडी का उपयोग सरकारें गिराने के लिए किया जा रहा है. 28 दिन से महाराष्ट्र में मंत्रीमंडल नहीं बना है. देश में महंगाई और बेरोजगारी को लेकर पूरा देश चिंतित है. ये पार्लियामेंट के अंदर बहस नहीं करने देते.