ED ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में 127 करोड़ रुपये की संपत्ति की जब्त, पढ़ें क्या है पूरा मामला

यह पूरा मामला अलेकेमिस्ट टाउनशिप प्रा. लि. और अलेकेमिस्ट इंफ्रा रियल्टी प्रा. लि. के खिलाफ दर्ज एक FIR से शुरू हुआ था.

विज्ञापन
Read Time: 3 mins
ईडी ने बड़ी कार्रवाई करते हुए 127 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की
फटाफट पढ़ें
Summary is AI-generated, newsroom-reviewed
  • ED ने पंचकूला के दो अस्पतालों अलेकेमिस्ट और ओजस के करीब 127 करोड़ रुपये की संपत्ति अटैच की है.
  • यह कार्रवाई मनी लॉन्ड्रिंग के तहत अलेकेमिस्ट ग्रुप, इसके प्रमोटर्स और निदेशकों के खिलाफ की गई है.
  • जांच में पता चला कि फर्जी कलेक्टिव इनवेस्टमेंट स्कीम्स को लेकर कई बड़े खुलासे हुए हैं.
क्या हमारी AI समरी आपके लिए उपयोगी रही?
हमें बताएं।

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मनी लॉन्ड्रिंग के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए 127 करोड़ रुपये की संपत्ति को अटैच किया है.  ये कार्रवाई पंचकूला स्थित दो अस्पतालों  अलेकेमिस्ट हॉस्पिटल और ओजस हॉस्पिटल के खिलाफ की गई है. ईडी ने इस मामले में  करीब 127.33 करोड़ रुपये की हिस्सेदारी को अटैच कर लिया है. ये दोनों अस्पताल असल में करण दीप सिंह, जो अलेकेमिस्ट ग्रुप के प्रमोटर कंवर दीप सिंह के बेटे हैं, की बेनेफिशियल ओनरशिप में बताए जा रहे हैं. ईडी की ये कार्रवाई प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत की गई है और यह अलेकेमिस्ट ग्रुप, इसके निदेशकों, प्रमोटर्स और जुड़ी हुई कंपनियों के खिलाफ चल रही मनी लॉन्ड्रिंग जांच का हिस्सा है. 

कैसे हुआ घोटाला

यह पूरा मामला अलेकेमिस्ट टाउनशिप प्रा. लि. और अलेकेमिस्ट इंफ्रा रियल्टी प्रा. लि. के खिलाफ दर्ज एक FIR से शुरू हुआ था. सबसे पहले कोलकाता पुलिस ने केस दर्ज किया, जिसे बाद में CBI की लखनऊ एंटी करप्शन ब्रांच ने भी जांच में लिया. इन कंपनियों के खिलाफ धारा 120B और 420 के तहत केस दर्ज किया गया.

जांच में सामने आया कि अलेकेमिस्ट ग्रुप ने फर्जी कलेक्टिव इनवेस्टमेंट स्कीम्स (CIS) के जरिए बड़े पैमाने पर निवेशकों से पैसे जुटाए. उन्हें असामान्य रूप से ऊंचे रिटर्न का झांसा दिया गया, साथ ही प्लॉट, फ्लैट और विला देने का वादा किया गया. इस तरह करीब 1,848 करोड़ रुपये की भारी भरकम रकम जुटाई गई, जिसे बाद में दूसरे कामों में गैरकानूनी तरीके से इस्तेमाल किया गया.

Advertisement

फंड को छुपाने के लिए अपनाई गई तरकीबें

ईडी की जांच में यह भी सामने आया कि इन पैसों को छुपाने के लिए कंपनियों ने जटिल लेन-देन, लेयरिंग, और ग्रुप कंपनियों के जरिए फंड ट्रांसफर जैसे तरीके अपनाए ताकि इस धन का स्रोत छुपाया जा सके. आखिरकार यही पैसा अलेकेमिस्ट हॉस्पिटल और ओजस हॉस्पिटल की हिस्सेदारी खरीदने और निर्माण में इस्तेमाल हुआ.

Advertisement

जांच में पता चला कि सोरस एग्रीटेक प्रा. लि., जो कि करण दीप सिंह की कंपनी है, के पास अलेकेमिस्ट हॉस्पिटल में 40.94% और ओजस हॉस्पिटल में 37.24% शेयर हैं। अब इन्हीं शेयरों को ईडी ने अटैच किया है. इस केस में ED पहले ही कंवर दीप सिंह को 12 जनवरी 2021 को गिरफ्तार कर चुकी है. इसके बाद 2 मार्च 2021 को स्पेशल कोर्ट (PMLA), नई दिल्ली में चार्जशीट दायर की गई और 19 जुलाई 2024 को एक सप्लीमेंट्री चार्जशीट भी पेश की गई.

Advertisement

अब तक ईडी इस मामले में 238.42 करोड़ रुपये की संपत्तियां पांच बार के प्राविजनल अटैचमेंट ऑर्डर के तहत पहले ही अटैच कर चुकी है.ईडी ने साफ किया है कि इस मामले में आगे की जांच अभी भी जारी है, और आने वाले समय में और भी बड़ी कार्रवाई संभव है.

Advertisement
Featured Video Of The Day
Jhalawar School Collapse: जहां 7 बच्चों की मौत से पसरा था मातम, वहीं VIP मूवमेंट के लिए बनाई सड़क
Topics mentioned in this article