- श्रीनगर में प्रवर्तन निदेशालय की 32वीं क्वार्टरली कॉन्फ्रेंस ऑफ जोनल ऑफिसर्स कॉन्फ्रेंस आयोजित की गई.
- श्रीनगर में कॉन्फ्रेंस का मकसद घाटी में पहलगाम आतंकी हमले के बाद सुरक्षा माहौल पर भरोसा बहाल करना था.
- अब तक जिन मामलों में कोर्ट का अंतिम फैसला आया है, उनमें ईडी ने 94% से ज्यादा मामलों में सजा दिलवाई है.
जम्मू कश्मीर के श्रीनगर में प्रवर्तन निदेशालय की 32वीं क्वार्टरली कॉन्फ्रेंस ऑफ जोनल ऑफिसर्स कॉन्फ्रेंस आयोजित की गई. 12 और 13 सितंबर 2025 को आयोजित कॉन्फ्रेंस ईडी डायरेक्टर की अध्यक्षता में हुई, जिसमें सभी वरिष्ठ अधिकारी और लीगल एडवाइजर्स शामिल रहे. श्रीनगर में कॉन्फ्रेंस करने का मकसद घाटी में हाल ही में हुए पहलगाम आतंकी हमले के बाद सुरक्षा माहौल पर भरोसा बहाल करना था.
दो दिन की इस बैठक में कई अहम मुद्दों पर चर्चा हुई. सबसे बड़ा मुद्दा था मनी लॉन्ड्रिंग मामलों की जल्दी सुनवाई था. ईडी डायरेक्टर ने जोनल हेड्स को निर्देश दिया कि लंबित जांच जल्द पूरी करें और स्पेशल कोर्ट में अंतिम चार्जशीट दाखिल कर ट्रायल तेजी से कराएं.
जिन मामलों में फैसला आया, उनमें 94% में सजा
कॉन्फ्रेंस में बताया गया कि ईडी ने अब तक जिन मामलों में कोर्ट का अंतिम फैसला आया है, उनमें 94% से ज्यादा मामलों में सजा दिलवाई है, जो देश ही नहीं बल्कि दुनिया की सबसे ऊंची दोषसिद्धी दर में से एक है. इसके अलावा ईडी अब तक 34,000 करोड़ रुपये से ज्यादा की संपत्तियां असली पीड़ितों और बैंकों को वापस करा चुका है.
बैठक में कई और अहम मुद्दों पर चर्चा हुई. ये हैं प्रमुख:
- ईडी के केस मैनेजमेंट सिस्टम को मजबूत करना
- जब्त की गई संपत्तियों पर कब्ला लेकर पारदर्शी नीलामी करना
- वालियापन कानून और PMLA के बीच तालमेल बैठाना
- फेमा (FEMA) और पुराने फेरा (FERA) मामलों को जल्दी निपटाना
- साइबर और डिजिटल फ्रॉड, ऑनलाइन बेटिंग और गेमिंग प्लेटफॉर्म पर सख्ती
- पीड़ितों को इस वित्त वर्ष में 15,000 करोड़ रुपये वापस करने का लक्ष्य
ऑफिस ढांचे को मजबूत करने में जुटा है ED
कॉन्फ्रेंस में यह भी साझा किया गया कि ईडी देशभर में अपने ऑफिस ढांचे को मजबूत कर रहा है. मुंबई, भुवनेश्वर, पटना, रायपुर समेत कई शहरों में नए ऑफिस बनाए जा रहे हैं.
बैठक के अंत में ईडी ने संकल्प लिया कि एजेंसी पूरी मजबूती से मनी लॉन्ड्रिंग, विदेशी मुद्रा उल्लंघन और अन्य आर्थिक अपराधों के खिलाफ कार्रवाई जारी रखेगी.