PFI पर ED का बड़ा एक्शन, केरल में 67 करोड़ की संपत्ति की सीज, 131 करोड़ का मनी लॉन्ड्रिंग बेनकाब

ईडी ने अपनी जांच NIA और अन्य एजेंसियों द्वारा दर्ज FIR के आधार पर शुरू की थी. जांच में पता चला कि PFI के पदाधिकारी और सदस्य देश-विदेश से बैंकिंग चैनल, हवाला और डोनेशन के जरिए फंड जुटा रहे थे, ताकि भारत में आतंकी गतिविधियों को अंजाम दिया जा सके.

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ED द्वारा सीज की गई PFI की संपत्ति.
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  • ED ने PFI और उसके राजनीतिक संगठन SDPI की 8 अचल संपत्तियों को अटैच किया है.
  • अटैच की गई संपत्तियों की कीमत लगभग 67 करोड़ रुपए है. यह कार्रवाई केरल में हुई है.
  • ED ने अब तक PFI के 28 नेताओं और सदस्यों को गिरफ्तार किया है, जिनमें SDPI के भी कई लोग शामिल हैं.
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ED Action on PFI: प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के खिलाफ चल रही मनी लॉन्ड्रिंग जांच में एक और बड़ी कार्रवाई करते हुए 8 अचल संपत्तियों को अस्थायी रूप से अटैच किया है. इन संपत्तियों की कुल कीमत लगभग 67.03 करोड़ रुपये बताई गई है. ED के मुताबिक, ये संपत्तियां PFI द्वारा नियंत्रित और संचालित थीं, लेकिन इन्हें अलग-अलग ट्रस्टों और इसके राजनीतिक संगठन सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (SDPI) के नाम पर रजिस्टर्ड किया गया था.

जांच में क्या सामने आया?

ईडी ने अपनी जांच NIA और अन्य एजेंसियों द्वारा दर्ज FIR के आधार पर शुरू की थी. जांच में पता चला कि PFI के पदाधिकारी और सदस्य देश-विदेश से बैंकिंग चैनल, हवाला और डोनेशन के जरिए फंड जुटा रहे थे, ताकि भारत में आतंकी गतिविधियों को फंड और अंजाम दिया जा सके.

एजेंसी के मुताबिक, SDPI पूरी तरह से PFI का राजनीतिक फ्रंट था, जिसकी फंडिंग, नीतियां, चुनावी उम्मीदवारों का चयन और पब्लिक प्रोग्राम्स सबकुछ PFI द्वारा नियंत्रित किया जाता था. PFI ने SDPI के लिए किए गए खर्चों को गुप्त डायरी में दर्ज किया, जो उनके बैंक खातों में नहीं दिखाए गए थे.

विदेशों से आया पैसा ‘सोशल एक्टिविटी' के नाम पर

ईडी का कहना है कि PFI और SDPI ने खाड़ी देशों सहित कई विदेशी स्रोतों से पैसा जुटाया, जो ‘राहत और सामाजिक कार्यों' के नाम पर था, लेकिन असल में इसका इस्तेमाल हिंसक और आतंकी गतिविधियों के लिए किया गया. अब तक जांच में कुल 131 करोड़ रुपये के अवैध धन (Proceeds of Crime) की पहचान की गई है.

अब तक 28 गिरफ्तारी

ईडी ने अब तक PFI के 28 नेताओं और सदस्यों को गिरफ्तार किया है, जिनमें SDPI के राष्ट्रीय अध्यक्ष एम.के. फैज़ी, चेयरमैन, महासचिव और अन्य पदाधिकारी शामिल हैं. गिरफ्तार आरोपियों में PFI के ट्रेनर और ‘फिजिकल एजुकेशन' (PE) कोऑर्डिनेटर भी हैं, जो सदस्यों को हथियार चलाने और हमले की ट्रेनिंग देते थे.

संपत्तियां और ट्रस्टों का नेटवर्क

जांच में सामने आया कि PFI के वैचारिक नेता पहले SIMI (स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया) से जुड़े थे. SIMI पर प्रतिबंध के बाद इन लोगों ने केरल में कई ट्रस्ट बनाकर उन्हीं के नाम पर संपत्तियां रजिस्टर्ड कराईं, ताकि कार्रवाई से बचा जा सके. ईडी की तलाशी में ऐसे दर्जनों दस्तावेज और रिकॉर्ड्स मिले हैं, जिनसे पता चलता है कि PFI इन संपत्तियों का संगठित तरीके से संचालन, लेखा-परीक्षण और फंड मैनेजमेंट करता था.

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जहां ट्रेनिंग चलती थी

ईडी ने खुलासा किया कि PFI अपने ट्रस्टों की संपत्तियों पर फिजिकल एजुकेशन (PE) क्लासेस चलाता था, जिनमें सदस्यों को हमले, हथियार चलाने और ‘जिहादी एजेंडा' के लिए तैयार किया जाता था. ऐसी दो प्रमुख संपत्तियां — वल्लुवनाड हाउस (पट्टांबी) और मालाबार हाउस (हरितम फाउंडेशन) को अब ईडी ने अटैच कर लिया है.

जिन संस्थाओं की संपत्तियां अटैच हुईं

06 नवंबर 2025 को ईडी ने निम्न ट्रस्टों/संस्थाओं के नाम पर दर्ज संपत्तियों को अटैच किया

  1. ग्रीन वैली फाउंडेशन
  2. अलप्पुझा सोशल कल्चरल एंड एजुकेशन ट्रस्ट
  3. पंडालम एजुकेशनल एंड कल्चरल ट्रस्ट, पथनमथिट्टा
  4. इस्लामिक सेंटर ट्रस्ट, वायनाड
  5. हरितम फाउंडेशन, पूवांचिना, मलप्पुरम
  6. पेरियार वैली चैरिटेबल ट्रस्ट, अलुवा
  7. वल्लुवनाड ट्रस्ट, पलक्कड़
  8. सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (SDPI) की संपत्ति, तिरुवनंतपुरम

अब तक की कुल कार्रवाई

ईडी इससे पहले 9 प्रोविजनल अटैचमेंट ऑर्डर्स (PAOs) के जरिए 61.98 करोड़ रुपये की संपत्तियां जब्त कर चुकी है. नवीनतम कार्रवाई के साथ, PFI से जुड़ी कुल अटैच संपत्ति का मूल्य अब 129 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है. ईडी ने कहा है कि जांच अभी जारी है.

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131 करोड़ का मनी लॉन्ड्रिंग नेटवर्क बेनकाब

PFI के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय की जांच में बड़ा खुलासा हुआ है. अब तक 28 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है, जिनमें संगठन के चेयरमैन, जनरल सेक्रेटरी, नेशनल और स्टेट एक्जीक्यूटिव काउंसिल के पदाधिकारी, SDPI (सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया) के नेशनल प्रेसिडेंट और कई फिजिकल एजुकेशन कोऑर्डिनेटर और ट्रेनर शामिल हैं. ये ट्रेनर PFI के सदस्यों को हथियार चलाने की ट्रेनिंग देते थे.

जांच में अब तक के बड़े आंकड़े

  • कुल जब्त संपत्ति: ₹129 करोड़
  • अब तक पहचानी गई ‘अवैध कमाई' (Proceeds of Crime): ₹131 करोड़
  • PFI से जुड़ी गिरफ्तारियां: 28
  • कब्जे में ली गई संपत्तियां
  • चल संपत्ति (Movable Assets): ₹2.41 करोड़
  • 24 बैंक अकाउंट PFI के
  • 7 बैंक अकाउंट Rehab India Foundation के
  • 15 बैंक अकाउंट Multiflor Builders Pvt. Ltd. (PFI की अस्थायी संपत्ति रखने वाली कंपनी)
  • 3 बैंक अकाउंट K.A. Rauf Sherif के
  • 19 बैंक अकाउंट SDPI के
  • अचल संपत्ति (Immovable Assets): ₹126.60 करोड़ की 61 प्रॉपर्टी, जो सभी केरल में हैं.

PFI का पैसे जुटाने और ‘मनी लॉन्ड्रिंग' का तरीका

ED की जांच में पता चला है कि PFI और उससे जुड़ी संस्थाएं सामाजिक काम और दान के नाम पर पैसे इकट्ठे करती थीं, जबकि इन पैसों का इस्तेमाल गैर-कानूनी गतिविधियों में होता था जैसे हथियारों की ट्रेनिंग, दंगे भड़काना, सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाना, हत्या और देशविरोधी गतिविधियां.

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1. साजिश और फंड रेजिंग का नेटवर्क

साल 2009 से 2022 के बीच PFI के 29 बैंक खातों में ₹62 करोड़ जमा हुए, जिनमें से ₹32 करोड़ नकद थे. SDPI के खातों में ₹32 करोड़ जमा हुए, जिनमें से ₹22 करोड़ नकद थे. विदेशों (खासकर ग़ल्फ देशों) में PFI के हजारों सदस्य सक्रिय थे जो वहां से पैसा जुटाकर भारत भेजते थे. पैसा इकट्ठा करने के लिए फ्रंटल ऑर्गेनाइजेशन जैसे SDPI, Rehab India Foundation आदि का इस्तेमाल किया गया.

2. फर्जी दान और ‘कंडिट अकाउंट्स' के ज़रिए मनी लॉन्ड्रिंग

कई दान नकली थे , दान देने वाले या तो अस्तित्व में नहीं थे या इतनी रकम देने की क्षमता नहीं रखते थे. कुछ लोगों के बैंक अकाउंट में एक जैसे रकम नकद जमा की जाती थी, ताकि बाद में उसे दान दिखाया जा सके. कई जगह से धमकी या दबाव डालकर पैसा वसूला गया, जिसे झूठे तौर पर ‘वॉलंटरी डोनेशन' बताया गया.

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