'ED ने की अब तक 4,700 केसों की जांच, 20 साल में सिर्फ 313 गिरफ्तारियां' : केंद्र ने SC में कहा

सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने पीठ से कहा, ‘‘पीएमएलए कानून लागू होने के बाद से आज की तारीख तक ईडी द्वारा 4,700 मामले की जांच की गई है.''

Advertisement
Read Time: 20 mins
नई दिल्ली:

केंद्र ने बुधवार को उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) को बताया कि प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने आज की तारीख तक 4,700 मामलों की जांच की है और 2002 में धन शोधन रोकथाम कानून (पीएमएलए) लागू होने के बाद से कथित अपराधों को लेकर सिर्फ 313 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. ऐसे मामलों में अदालतों द्वारा पारित अंतरिम आदेशों द्वारा कवर की गई कुल राशि लगभग 67,000 करोड़ रुपये है.

सरकार ने न्यायमूर्ति ए.एम. खानविलकर की अध्यक्षता वाली पीठ से कहा कि विजय माल्या, मेहुल चोकसी और नीरव मोदी से जुड़े धन शोधन के मामलों में ईडी ने अदालती आदेश के बाद 18,000 करोड़ रुपये से अधिक जब्त किये हैं. शीर्ष न्यायालय पीएमएलए के कुछ प्रावधानों की व्याख्या से जुड़ी याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा है. 

सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने पीठ से कहा, ‘‘कानून लागू होने के बाद से आज की तारीख तक ईडी द्वारा 4,700 मामले की जांच की गई है.''

उन्होंने कहा, ‘‘2002 में पीएमएलए लागू होने के बाद से आज की तारीख तक सिर्फ 313 गिरफ्तारियां हुई हैं. 2002 से अब तक, 20 वर्षों में सिर्फ 313 गिरफ्तारियां,'' उन्होंने कहा, ‘‘इसका यह कारण है कि बहुत कठोर सांविधिक सुरक्षा प्राप्त है.''

पीठ के सदस्यों में न्यायमूर्ति दिनेश माहेश्वरी और न्यायमूर्ति सी टी रविकुमार भी शामिल है.

READ ALSO: विजय माल्या, नीरव मोदी और मेहुल चौकसी से बैंकों को 18,000 करोड़ रुपये लौटाए गए : केंद्र ने SC से कहा

आंकड़ों का हवाला देते हुए मेहता ने कहा कि यह स्पष्ट है कि यूनाइटेड किंगडम, अमेरिका, चीन, हांगकांग, बेल्जियम और रूस जैसे देशों में मनी लॉन्ड्रिंग अधिनियम के तहत सालाना दर्ज मामलों की तुलना में पीएमएलए के तहत जांच के लिए बहुत कम मामले लिए जा रहे हैं.

Advertisement

उन्होंने कहा कि भारत एक वैश्विक धनशोधन रोधी नेटवर्क का हिस्सा है और ऐसे कई समझौते हैं जिनमें सभी सदस्य देशों को अपने संबंधित धन शोधन कानून को एक दूसरे के अनुरूप लाने की आवश्यकता होती है.

मेहता ने कहा कि वैश्विक समुदाय ने पाया है कि मनी लॉन्ड्रिंग एक ऐसा खतरा है जिससे देशों द्वारा निजी स्तर पर निपटा या इलाज नहीं किया जा सकता है और इसके लिए वैश्विक प्रतिक्रिया देनी होगी.

Advertisement

READ ALSO: इंडिया बुल्‍स मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने दिल्‍ली और मुंबई में कई स्‍थानों पर की छापेमारी

'इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि कोई भी 'बेलगाम घोड़ा' न बने. हमें मनी लॉन्ड्रिंग के बारे में बहुत स्पष्ट होना पड़ेगा और एक राष्ट्र के रूप में हम सख्त हैं. वैश्विक समुदाय हमसे सख्त होने की उम्मीद करता है. ” बहस गुरुवार को भी जारी रहेगी.

सॉलिसिटर जनरल ने पहले पीठ को बताया था कि इस मामले में 200 से अधिक याचिकाएं हैं और कई गंभीर मामलों में अंतरिम रोक लगाई गई है, जिसके कारण जांच प्रभावित हुई है. इनमें से कुछ याचिकाओं में पीएमएलए के कुछ प्रावधानों की वैधता को चुनौती दी गई है.

वीडियो: नवाब मलिक को लेकर CM उद्धव ठाकरे के घर अहम बैठक, शरद पवार भी शामिल

Advertisement
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
Featured Video Of The Day
Meena Kumari की खातिर क्यों ठुकरा दिया प्राण ने Film Fare Award | Bollywood Trivia | Entertainment
Topics mentioned in this article