प्रवर्तन निदेशालय (Directorate of Enforcement) ने आज (शुक्रवार) PMLA के तहत महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देखमुख (Anil Deshmukh) और अन्य के खिलाफ धनशोधन के एक मामले के संबंध में करीब चार करोड़ रुपये मूल्य की संपत्ति कुर्क की है. यह संपत्ति उनकी पत्नी आरती देशमुख और कंपनी प्रीमियर पोर्ट लिंक्स प्राइवेट लिमिटेड के नाम पर थी. ED के अधिकारियों ने यह जानकारी दी. अधिकारियों ने बताया कि धनशोधन निरोधक अधिनियम (पीएमएलए) के तहत कुर्की के प्रारंभिक आदेश जारी किए गए हैं. ईडी द्वारा पूछताछ के लिए भेजे गए कम के कम तीन समन के बावजूद देशमुख (72) जांच एजेंसी के सामने पेश नहीं हुए हैं.
केंद्रीय एजेंसी ने उनके बेटे ऋषिकेश और पत्नी को भी समन किया था लेकिन उन्होंने भी बयान दर्ज कराने से इनकार कर दिया. ये समन महाराष्ट्र पुलिस से संबंधित 100 करोड़ रुपये के कथित घूस-सह-वसूली मामले के संबंध में पीएमएलए के तहत दर्ज मामले के सिलसिले में जारी किए गए थे. इसी मामले के चलते देशमुख को इस साल अप्रैल में अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा था.
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के नेता देशमुख ने कुछ भी गलत करने से इनकार किया है तथा उनके खिलाफ ईडी की कार्रवाई को उनके वकील ने अनुचित करार दिया था. पूर्व मंत्री ने हाल ही में उच्चतम न्यायालय में एक याचिका दायर कर ईडी द्वारा किसी भी तरह की दंडात्मक कार्रवाई के खिलाफ संरक्षण की मांग की है.
बताते चलें कि ED ने अनिल देशमुख से पूछताछ के लिए उन्हें कई बार समन भेजा था लेकिन हर बार उन्होंने एजेंसी के सामने पेश होने से इनकार कर दिया. देशमुख ने ED को जवाब देते हुए पत्र लिखा था कि सुप्रीम कोर्ट में उनकी अर्जी पर कुछ दिन में सुनवाई हो सकती है, इसलिए अदालत का फैसला आने तक इंतजार करें. अनिल देशमुख के वकील इंद्रपाल सिंह देशमुख का पत्र लेकर ED के दफ्तर पहुंचे.
VIDEO: ED के सामने तीसरी बार पेश नहीं हुए महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख