ED ने महाराष्ट्र के पूर्व विधायक विवेकानंद शंकर पाटिल के खिलाफ आरोपपत्र दायर किया

प्रवर्तन निदेशालय ने महाराष्ट्र के चार बार विधायक रहे विवेकानंद शंकर पाटिल के खिलाफ पनवेल के को-ऑपरेटिव बैंक से जुड़े धनशोधन मामले में आरोपपत्र दायर किया है.

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विवेकानंद शंकर पाटिल के खिलाफ ED ने दायर किया आरोप पत्र. (प्रतीकात्मक तस्वीर)
नई दिल्ली:

प्रवर्तन निदेशालय ने विवेकानंद शंकर पाटिल और करनाला नगरी सहकारी बैंक लिमिटेड पनवेल के खिलाफ अभियोजन शिकायत दर्ज की है. विवेकानंद शंकर पाटिल चार बार विधायक रह चुके हैं और करनाला नगरी सहकारी बैंक लिमिटेड, पनवेल के पूर्व अध्यक्ष भी रह चुके हैं. ईडी ने वर्ष 2019 में मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) द्वारा दर्ज प्राथमिकी के आधार पर जांच शुरू की.

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वर्ष 2019-20 में रिजर्व बैंक के कहने पर ऑडिट किए जाने के बाद धोखाधड़ी का पता चला, जब इसे पता चला कि पाटिल 63 फर्जी ऋण खातों के माध्यम से करनाला चैरिटेबल ट्रस्ट और करनाला स्पोर्ट्स अकादमी के ऋण खातों में बैंक से धनराशि निकाल रहा था, जिसे विवेकानंद पाटिल द्वारा स्थापित और नियंत्रित किया गया था. यह धोखाधड़ी 2008 से चल रही थी. यह पाया गया कि बैंक का प्रबंधन विवेकानंद पाटिल के नियंत्रण में था. ईडी ने उन्हें 15.06.2021 को गिरफ्तार किया.

पीएमएलए के तहत मनी लॉन्ड्रिंग जांच से पता चला है कि धोखाधड़ी की गई राशि 67 फ़र्ज़ी खातों में करीब 560 करोड़ रुपये है. चोरी को छिपाने के लिए, उपलब्ध धन को इन फर्जी खातों में और इन खातों से पाटिल द्वारा नियंत्रित संस्थाओं के कई बैंक खातों में भेजा गया था.

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इस रकम का उपयोग करनाला चैरिटेबल ट्रस्ट, करनाला स्पोर्ट्स अकादमी आदि द्वारा स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स, कॉलेज और स्कूलों जैसी संपत्तियों के निर्माण के लिए और अन्य व्यक्तिगत लाभ के लिए किया गया था, जिससे अपराध की आय का उपयोग किया गया था और इस तरह से मनी लांड्रिंग हुई.

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