बजट में छोटे निवेशकों और महिलाओं के लिए क्या हो सकता है खास? IMF की पूर्व अधिकारी प्राची मिश्रा ने समझाया

IMF की पूर्व अधिकारी प्राची मिश्रा कहती हैं, "इस सर्वे ने लघु और मध्यम कुटीर उद्योग यानी MSME सेक्टर को कैसे बूस्ट करें, इसे भी हाइलाइट किया है. इसलिए ये जरूरी है कि हम अपनी नीतियों को कैसे बदलें, जिससे की MSME सेक्टर को बढ़ावा मिल सके."

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नई दिल्ली:

वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को सदन में आर्थिक सर्वेक्षण 2023-2024 पेश किया. वहीं, आर्थिक सर्वेक्षण पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का बयान भी आया. उन्होंने आर्थिक सर्वेक्षण की प्रशंसा की और कहा कि इसने हमारी अर्थव्यवस्था की मौजूदा ताकत पर रेखांकित किया है और सरकार द्वारा लाए गए विभिन्न सुधारों के परिणामों को भी दर्शाता है. पीएम मोदी ने यह भी कहा कि हम विकसित भारत बनाने की ओर बढ़ रहे हैं. इकोनॉमिक सर्वे को लेकर NDTV ने IMF की पूर्व अधिकारी प्राची मिश्रा से बात की. इस दौरान प्राची मिश्रा ने इकोनॉमिक सर्वे की बातों को आसान शब्दों में समझाते हुए बताया कि बजट में छोटे निवेशकों और महिलाओं के लिए क्या खास हो सकता है.

IMF की पूर्व अधिकारी प्राची मिश्रा कहती हैं, "हमारी इकोनॉमी की परफॉर्मेंस ओवरऑल काफी इंप्रेसिव रही है. वित्तीय वर्ष 2024 की बात करें, तो ग्रोथ रेट 8% से ज्यादा रहा. साफ है कि दूसरे देशों में हलचल के बीच हमारी अर्थव्यवस्था आगे बढ़ रही है. डोमेस्टिक इकोनॉमी में भी काफी शॉर्ट्स हुए. आने वाले समय में हम कैसे और बेहतर कर सकते हैं. साथ ही ये भी जरूरी है कि हम कैसे इस ग्रोथ रेट को बनाए रखें. इसमें मैन्युफैक्चरिंग का बहुत बड़ा रोल है."

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प्राची मिश्रा कहती हैं, "इस सर्वे ने लघु और मध्यम कुटीर उद्योग यानी MSME सेक्टर को कैसे बूस्ट करें, इसे भी हाइलाइट किया है. इसलिए ये जरूरी है कि हम अपनी नीतियों को कैसे बदलें, जिससे की MSME सेक्टर को बढ़ावा मिल सके." 

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आर्थिक सर्वे के अनुसार, अमृत काल में देश के विकास की रणनीति छह प्रमुख क्षेत्रों पर आधारित है. निजी निवेश को बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिए. सर्वे में कहा गया है कि भारत के MSME सेक्टर का विकास और विस्तार रणनीतिक रूप से अहम प्राथमिकता है. सर्वे के अनुसार भावी विकास के इंजन के रूप में कृषि क्षेत्र की क्षमता को पहचाना जाना चाहिए. नीतिगत बाधाओं को दूर किया जाना चाहिए. छोटे निवेशकों और महिलाओं पर फोकस किया जाना चाहिए. भारत में ग्रीन एनर्जी की फंडिंग को सुरक्षित करने की जरूरत है.

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सर्वे में कहा गया कि शिक्षा-रोजगार के अंतर को पाटना एक अहम कदम होगा. भारत की प्रगति को बनाए रखने और तेज करने के लिए राज्य की क्षमता विकसित करने की जरूरत है.

प्राची मिश्रा कहती हैं, "इस बजट में सरकार ने छोटी-छोटी चीजें बताई हैं. जैसे कितना लैंड इंवेस्टमेंट है. छोटे निवेशकों के लिए क्या है. सरकार महिलाओं को लेबर फोर्स में और ज्यादा लाना चाहती है. MSME मंत्रालय को इसे समय पर लागू करना है. ये एक बड़ी चुनौती है."
 

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