पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का गुस्सा एक बार फिर चुनाव आयोग और केंद्र सरकार पर फूटा है. कूचबिहार जाने से रोके जाने पर सीएम ममता ने ट्वीट करते हुए कहा कि चुनाव आयोग का नाम बदलकर MCC यानी की मोदी कोड ऑफ कंडक्ट कर देना चाहिए. उन्होंने कहा कि बीजेपी अपनी पूरी ताकत का इस्तेमाल कर ले लेकिन मुझे अपने लोगों के साथ खड़े होने और उनका दर्द बांटने से नहीं रोक सकती है. ममता के अनुसार, वो मुझे कूचबिहार के अपने भाइयों और बहनों से मिलने से तीन दिन रोक सकते हैं चौथे दिन मैं वहां उनके साथ मिलूंगी.
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बताते चलें कि पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनावों के दौरान पहली बार बड़े पैमाने पर हुई हिंसा के बाद चुनाव आयोग ने हिंसाग्रस्त जिले में नेताओं के प्रवेश पर तीन दिनों की रोक लगा दी है. रविवार को टीएमली ने ऐलान किया था कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी हिंसा प्रभावित इलाके का दौरा करेंगी.वहीं यशवंत सिन्हा ने कहा कि ममता को कूचबिहार जिले में जाने से रोककर चुनाव आय़ोग ने अपने आपको स्वयं आरोपों में घेर लिया है. ममता बनर्जी अभी भी पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री हैं और यह उनकी जिम्मेदारी है कि वह इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना के बाद घटनास्थल का दौरा करें.
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इससे पहले केंद्रीय बलों द्वारा “आत्मरक्षा में” यह कदम उठाये जाने की दलील पर सवाल खड़ा करते हुए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शनिवार को कहा कि उनकी सरकार इस घटना की सीआईडी जांच कराएगी. बनर्जी ने कहा कि केंद्रीय बलों के दावे के पक्ष में कोई भी वीडियो फुटेज या अन्य कोई सबूत नहीं है. आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, निर्वाचन आयोग के विशेष पुलिस पर्यवेक्षक विवेक दुबे द्वारा दी गई शुरुआती रिपोर्ट में कहा गया है कि करीब 350-400 लोगों की भीड़ ने केंद्रीय बलों को घेर लिया जिसके बाद उन्होंने “आत्म-रक्षा” में गोली चलाई गई. उत्तर बंगाल के सबसे बड़े शहर सिलीगुड़ी में संवाददाताओं से बात करते हुए बनर्जी ने कहा, ‘‘ यह बात (आत्म रक्षा में गोली चलाने की) कहां से आयी. उनकी तरफ से कौन घायल हुआ? क्या कोई फुटेज है? लोगों की हत्या करने के बाद वे अपनी इस हरकत का बचाव कर रहे हैं.''