द्वारका एक्सप्रेसवे यानी देश का पहला एलिवेटेड 8 लेन एक्सेस कंट्रोल एक्सप्रेसवे दिसंबर से पहले बनकर तैयार हो जाएगा. केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने इस एक्सप्रेस-वे को लेकर कई अहम जानकारियां दी हैं. करीब 9000 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले इस एक्सप्रेसवे की लंबाई 29.6 किमी है. हरियाणा में 18.9 किमी सिंगल पिलर पर 34 मीटर चौड़ा और दिल्ली में 10.1 किमी लंबाई का यह एक्सप्रेसवे बन रहा है. इससे गुरुग्राम और दिल्ली के बीच यातायात का दबाव कम होगा.
द्वारका एक्सप्रेस में बुर्ज खलीफा से 6 गुना अधिक कंक्रीट
नितिन गडकरी ने बताया कि अनेक विशेषताओं के साथ बन रहे द्वारका एक्सप्रेसवे के निर्माण में 2 लाख मिट्रिक टन स्टील का उपयोग हो रहा है, जो एफिल टॉवर में इस्तेमाल हुए स्टील से 30 गुना अधिक है. एक्सप्रेसवे के निर्माण में 20 लाख घन मीटर कंक्रीट का उपयोग किया जा रहा है, जो बुर्ज खलीफा में इस्तेमाल हुए कंक्रीट से 6 गुना अधिक है.
द्वारका एक्सप्रेस से 2 घंटे की जगह 20 मिनट में पहुंचेंगे एयरपोर्ट
पंजाब, हरियाणा, उत्तरखंड और हिमाचल आदि से दिल्ली एयरपोर्ट पहुंचने वाले लोगों को दिल्ली में अंदर से जाना होता है. जहां 2 घंटे लगते थे,अब केवल 20 मिनट में पूरा होगा.
दिल्ली-एनसीआर के लोगों को जाम से कैसे मुक्ति मिलेगी?
गडकरी ने बताया कि देश में 41 करोड़ वाहन हो गए हैं. एक समय ऐसा आएगा कि वाहन ही लोगों से ज्यादा हो जाएंगे. वैसे विचार कर रहे हैं कि धौला कुआ से गुड़गांव या आगे तक हवा में चलने वाली स्काई बस शुरू करेंगे, ताकि नीचे का ट्रैफिक कम हो. समय के साथ चीजें होंगी. राहत तो मिलेगी ही, लेकिन फिर पॉपुलेशन बढ़ेगी. फिर आगे कुछ नया सोचेंगे और कुछ नया होगा. ये सतत प्रक्रिया है. काम चलता रहेगा.
इतने फ्लाईओवर के बाद भी क्यों खत्म नहीं होता जाम?
उन्होंने कहा कि सबसे बड़ी वजह है पॉपुलेशन है. मुझे लगा 55 फ्लाईओवर बनने के बाद मुंबई को ट्रैफिक जाम से राहत मिल जाएगी. लेकिन ऐसा हुआ नहीं. जनसंख्या और निर्माण दोनों काम लगातार हो रहे हैं. आगे भी काम लगातार होता रहेगा. जनसंख्या और वाहनों की संख्या बढ़ाने में लोग दिन रात लगे हुए हैं और हम रोड बनाने में.
टोल टैक्स कम करने पर नितिन गडकरी ने क्या कहा?
जल्द ही ऐसा सिस्टम ला रहे हैं, जिसमें ऐसे टोल नहीं होंगे. एंट्री में एक कैमरा होगा और उसमें जीपीएस सिस्टम होगा. फास्टट्रैक, नंबर प्लेट और जीपीएस के साथ एक सिस्टम तैयार कर रहे हैं. जहां से एंट्री की और जहां से निकले, उतना टोल आपके बैंक खाते से कट जाएगा. इसमें कोई रोकेगा-टोकेगा नहीं. टोल से मुक्ति की बात पर उन्होंने कहा कि गुड सर्विस चाहिए तो उसके लिए भुगतान करना पड़ेगा.
कूड़े का इस्तेमाल अब सड़क बनाने में हो रहा- गडकरी
पानीपत से दिल्ली आने वाले एक्सप्रेसवे में हमने 20 लाख टन कचरे का इस्तेमाल किया है, जितने भी आगे काम हो रहे हैं, उसमें हम कचरे का इस्तेमाल कर रहे हैं. इसके लिए खास तकनीक का इस्तेमाल करना पड़ता है. साथ ही बैंबू, रबड़ का पाउडर और प्लास्टिक का भी सड़क बनाने में इस्तेमाल किया जा रहा है.
नितिन गडकरी ने बताया कैसे किसान बनाएंगे CNG-LNG?
दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण का कारण बनने वाली पराली को लेकर भी काम हो रहा है. पंजाब हरियाणा में ज्यादातर और देश के अन्य हिस्सों में 28 प्रोजेक्ट ऐसे शुरू किए हैं जो पराली से बायो CNG और बायो LNG तैयार करते हैं. 135 प्रोजेक्ट चल रहे हैं, जिससे ट्रैक्टर और बसें चल सकती हैं. पंजाब और हरियाणा के किसान अब पराली से बायो सीएनजी और बायो एलएनजी बना रहे हैं. ग्रीन हाइड्रोजन भी किसान बना रहे हैं. आने वाले समय में हम ऊर्जा निर्यात करने वाले रहेंगे. किसान इसमें अहम भूमिका निभाएंगे.
पहली बार एक्सप्रेसवे के निर्माण में 12 हजार वृक्षों का प्रत्यारोपण
देश में पहली बार एक्सप्रेसवे के निर्माण में 12 हजार वृक्षों का प्रत्यारोपण किया गया है. पेड़ों को काटा नहीं गया है. दिल्ली देश का दिल है. लोग घंटों ट्रैफिक में अब नहीं फंसे रहेंगे.
देश की सबसे चौड़ी 3.6 किमी लंबाई की 8-लेन टनल
इस एक्सप्रेस वे का रोड नेटवर्क चार स्तर का है. टनल, अंडरपास, ग्रेड रोड, एलिवेटेड रोड और फ्लाईओवर के ऊपर फ्लाईओवर बन रहा है. इस एक्सप्रेसवे के दोनों तरफ 3-लेन की सर्विस रोड बनाई जा रही है. इस एक्सप्रेसवे पर दिल्ली में देश की सबसे चौड़ी 3.6 किमी लंबाई की 8-लेन टनल बनाई जा रही है. इससे हरियाणा और पश्चिम दिल्ली के लोगों की इंदिरा गांधी इंटरनेशनल हवाई अड्डे से कनेक्टिविटी अच्छी होगी.
ये होगा एक्सप्रेसवे का रूट
एक्सप्रेसवे राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-8 के पास दिल्ली के महिपालपुर में शिव मूर्ति के पास से शुरू होगा. फिर राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या आठ पर गुरुग्राम खेड़की-दौला गांव के पास बने टोल प्लाजा के पास खत्म होगा. यह द्वारका की तरफ से द्वारका एक्सप्रेसवे के जरिये इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के लिये संपर्क सुविधा प्रदान करेगा.
जानें एक्सप्रेस-वे का अभी तक का स्टेटस
चार पैकेज में बन रहे द्वारका एक्सप्रेसवे के दिल्ली में 2507 करोड़ रुपये की लागत से और 5.9 किमी लंबाई के महिपालपुर के शिव मुर्ति से बिजवासन तक के खंड का 60% कार्य पूर्ण हुआ है. 2068 करोड़ रुपये की लागत से 4.2 किमी लंबे बिजवासन ROB से गुरुग्राम में दिल्ली-हरियाणा सीमा तक के खंड का 82% कार्य पूर्ण हुआ है. गुरुग्राम में 2228 करोड़ रुपये की लागत से 10.2 किमी लंबाई के दिल्ली-हरियाणा सीमा से बसई ROB तक के खंड का 93% कार्य पूरा हुआ है और 1859 करोड़ रुपये की लागत से 8.7 किमी लंबाई के बसई ROB से खेरकी दौला (क्लोवरलिफ इंटरचेंज) तक के खंड का 99% कार्य पूर्ण हुआ है.