मोटापा घटाने के लिए ड्रग्स: भोपाल में जिम, क्लिनिक, क्लब के अंदर ड्रग माफिया का जाल

आरोपियों ने कबूल किया कि डॉक्टरों ने उन्हें मानसिक स्वास्थ्य के 'इलाज' के तौर पर एमडी लिखने में मदद की. जबकि जिम ट्रेनर इसे फैट बर्निंग सप्लीमेंट्स की आड़ में बेचते थे.

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भोपाल क्राइम ब्रांच की गिरफ्त में ड्रग तस्कर.
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  • भोपाल क्राइम ब्रांच ने दवा और फैट बर्निंग सप्लीमेंट्स के नाम पर MD पाउडर बेचने वाले दो ड्रग पैडलरों को गिरफ्तार किया है.
  • आरोपी डॉक्टरों, जिम ट्रेनरों और पार्टी प्रमोटरों के साथ मिलकर युवाओं को नशे की लत में फंसाने का रैकेट चला रहे थे.
  • आरोपियों के कब्जे से 15.14 ग्राम एमडी पाउडर, एक स्कूटी और मोबाइल जब्त किए गए जिनकी कीमत लगभग तीन लाख बताई गई है.
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Bhopal Drug Racket: पूरी दुनिया में मोटापे से कई लोग परेशान है. शरीर को फिट करने के लिए ये लोग डॉक्टर, जिम ट्रेनर, योगार्चाय सहित अन्य लोगों के संपर्क में जाते हैं. ये सभी मोटापा घटाने के अलग-अलग तौर-तरीके बताते है. खान-पान में बदलाव और इन तरीकों को अपनाकर कई लोग मोटापे को काबू भी कर लेते हैं. लेकिन यदि कोई आपसे कहे कि मोटापा कम करने के लिए ड्रग्स का सेवन करें तो आपका रिएक्शन चौंकाने वाला होगा. लेकिन यह चौंकाने वाली कहानी सच है. मामला मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से सामने आया है. जहां भोपाल क्राइम ब्रांच ने दो ड्रग पैडलर को गिरफ्तार किया है.

जिम, क्लीनिक, क्लब और कॉलेज परिसरों में रैकेट की जड़ें

गिरफ्तार ड्रग पैडलर ने पूछताछ में जो बताया उसे सुनकर पुलिस वाले भी दंग रह गए. दरअसल मध्य प्रदेश के शहरी युवाओं में नशीले पदार्थों की बढ़ती मांग को उजागर करने वाले एक सनसनीखेज खुलासे में भोपाल क्राइम ब्रांच ने एक बड़े ड्रग तस्करी रैकेट का भंडाफोड़ किया है. इस रैकेट की जड़ें जिम, क्लीनिक और कॉलेज परिसरों में गहरी थीं.

फैट बर्निंग सप्लीमेंट्स की आड़ में ड्रग्स की सप्लाई

इस अभियान में दो प्रमुख तस्करों - सैफुद्दीन और आशु उर्फ शाहरुख को गिरफ्तार किया गया है. आरोपियों ने कबूल किया कि डॉक्टरों ने उन्हें मानसिक स्वास्थ्य के 'इलाज' के तौर पर एमडी लिखने में मदद की. जबकि जिम ट्रेनर इसे फैट बर्निंग सप्लीमेंट्स की आड़ में बेचते थे. इस गैंग के तस्कर युवतियों को खास तौर पर निशाना बनाते थे. उन्हें बताया जाता था कि इस दवा के इस्तेमाल से वे पतली और कॉन्फिडेंट हो जाएंगी.

तस्करों ने डॉक्टर, जिम ट्रेनर के साथ मिलकर बनाई थी रैकेट

पुलिस ने बताया कि आरोपी सैफुद्दीन (28) और आशु उर्फ शाहरुख (28) सिर्फ़ ड्रग्स ही नहीं बेचते थे. इन लोगों ने एक ऐसा सिस्टम तैयार किया था जहाँ डॉक्टर, जिम ट्रेनर और पार्टी प्रमोटर मिलकर युवाओं को अपनी गिरफ़्त में लेते थे. जिससे फिटनेस और स्वास्थ्य की चाहत पूरी तरह से नशे की लत में बदल जाती थी.

आरोपियों के पास से 15.14 ग्राम एमडी पाउडर जब्त

पुलिस ने इन दोनों के कब्ज़े से 15.14 ग्राम एमडी पाउडर, एक स्कूटी और एक एंड्रॉइड मोबाइल बरामद किया है. जिसकी कीमत लगभग 3 लाख रुपए बताई जा रही है. इस पूरे में मामले में चौंकाने वाली बात तो उस नेटवर्क की है. जिसके जरिए मोटापा घटाने, मूड बढ़ाने और नुस्खों के नाम पर भी ड्रग्स बेचे जाते थे.

भोपाल क्राइम ब्रांच के अनुसार आरोपियों ने जिमों को नशे का अड्डा बना दिया था. फिटनेस के दीवाने युवाओं को बताया जाता था कि MD पाउडर तेजी से फैट जलाएगा और एनर्जी लेवल बढ़ाएगा. लड़कियों को पतली होने का झांसा देकर निशाना बनाया जाता था.

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रैकेट में शामिल डॉक्टर टेंशन के मरीजों को लिखते थे एमडी पाउडर

साथ ही इस रैकेट में शामिल डॉक्टरों की मदद से टेंशन के मरीजों को इलाज के तौर पर एमडी लिखा जा रहा था. एक सीनियर पुलिस अधिकारी ने कहा, "वे दवाओं को फिटनेस बूस्टर और मूड लिफ्टर के रूप में बेचते थे. असल में, यह एक जाल था - दवा के रूप में एक डिज़ाइनर दवा, जो बच्चों को नशे, यौन शोषण और अपराध के दलदल में धकेल रही थी."

पार्टी में पहले मुफ्त देते थे ड्रग्स, फिर दूसरे लोगों को जोड़ने के लिए कहते थे

बताया गया कि आरोपी भोपाल के महंगे पार्टी क्लबों में नियमित रूप से ड्रग्स सप्लाई करते थे. जहाँ वे लड़कियों को हनी ट्रैप के तौर पर इस्तेमाल करते थे. इन लड़कियों को मुफ़्त में ड्रग्स दी जाती थी और बदले में उन्हें किसी दूसरे को इस दलदल में फंसाने का काम सौंपा जाता था. फिर पार्टी में शामिल नए सदस्य को मुफ़्त में एमडी थमा दिया जाता था.

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आरोपी सैफुद्दीन पर 5 हजार का इनाम भी

फिर ड्रग के आदी हो चुके लड़कों से कहा जाता था, और ज्यादा से ज्यादा लोगों को इसमें शामिल करो. आरोपी सैफुद्दीन पहले से फरार था और उस पर 5000 का इनाम भी घोषित था, अब पुलिस तस्करी नेटवर्क से जुड़े अन्य लोगों की तलाश कर रही है,कई नशे के शिकार युवाओं को नशामुक्ति केंद्र भेजा गया है.

अब क्लब संचालकों पर नजर रख रही पुलिस

भोपाल पुलिस अब क्लब संचालकों पर भी नजर रख रही है, यदि किसी की भूमिका संदिग्ध पाई जाती है तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई और लाइसेंस रद्द करने की प्रक्रिया की जाएगी, पुलिस ने माता-पिता और समाज से अपील की है कि वे बच्चों को नशे से बचाने की कोशिश करें.

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