DRDO ने 2008 में अग्नि-5 पर काम शुरू किया था.
भारत ने सोमवार को न्यूक्लियर बैलेस्टिक मिसाइल अग्नि-5 (Agni-5 Missile) की पहली फ्लाइट टेस्टिंग की. डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गेनाइजेशन (DRDO) ने मेक इन इंडिया प्रोजेक्ट के तहत इसे डेवलप किया है. ये देश की पहली और एकमात्र इंटर कॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल है. ये मिसाइल मल्टिपल इंडिपेंडेंटली टार्गेटेबल रीएंट्री व्हीकल (MIRV) से लैस है. यानी एक साथ कई टारगेट्स के लिए लॉन्च की जा सकती है.
Agni-5 मिसाइल की 5 खासियतें
- Agni-5 मिसाइल की रेंज 5400 किलोमीटर है. ये मिसाइल एक साथ कई हथियार ले जाने में सक्षम है. इसकी रेंज में पूरा चीन और पाकिस्तान आएगा. इसके अलावा यूरोप और अफ्रीका के कुछ हिस्से भी इसकी जद में आएंगे.
- ये मिसाइल डेढ़ टन तक न्यूक्लियर हथियार अपने साथ ले जा सकती है. इसकी स्पीड मैक 24 है, यानी आवाज की स्पीड से 24 गुना ज्यादा.
- इसके लॉन्चिंग सिस्टम में कैनिस्टर टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया गया है. इसलिए इस मिसाइल को कहीं भी आसानी से ट्रांसपोर्ट किया जा सकता है.
- अग्नि-5 एक एडवांस्ड MIRV मिसाइल है. MIRV का अर्थ मल्टीपल इंडिपेंडेंटली-टार्गेटेबल री-एंट्री व्हीकल है. अमूमन किसी मिसाइल में सिर्फ एक वॉरहेड ले जाया जा सकता है, जबकि MIRV में मल्टीपल वॉरहेड एक साथ कैरी कर सकते हैं.
- DRDO ने 2008 में अग्नि-5 पर काम शुरू किया था. DRDO के रिसर्च सेंटर इमारत (RCI), एडवांस्ड सिस्टम लैबोरेटरी (ASL), और डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट लैबोरेटरी (DRDL) ने मिलकर इसे तैयार किया.
Advertisement
Featured Video Of The Day
US Presidential Elections 2024: America में राष्ट्रपति चुनाव के साथ और कौन कौन से चुनाव हो रहे हैं?