डीआरडीओ-वायुसेना ने किया ‘अस्त्र’ मिसाइल का सफल परीक्षण

'अस्त्र' की मारक क्षमता 100 किलोमीटर से अधिक है. यह उन्नत गाइडेंस एवं नेविगेशन प्रणाली से युक्त है. इस परियोजना में डीआरडीओ की विभिन्न प्रयोगशालाओं के साथ-साथ हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) समेत 50 से अधिक सार्वजनिक और निजी उद्योगों का योगदान रहा है.

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  • रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन और भारतीय वायुसेना ने ओडिशा तट के पास सुखोई-30 एमके-1 से स्वदेशी बियॉन्ड विजुअल रेंज मिसाइल अस्त्र का सफल परीक्षण किया।
  • परीक्षण के दौरान दो मिसाइलों ने उच्च गति वाले मानवरहित हवाई लक्ष्यों को विभिन्न रेंज और दिशा में अत्यंत सटीकता से नष्ट किया।
  • अस्त्र मिसाइल में देश में विकसित रेडियो फ्रीक्वेंसी सीकर और उन्नत गाइडेंस तथा नेविगेशन प्रणाली शामिल है, जिसकी मारक क्षमता सौ किलोमीटर से अधिक है।
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नई दिल्ली:

रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) तथा भारतीय वायुसेना ने शुक्रवार को हवा से हवा में मार करने वाली बियॉन्ड विजुअल रेंज मिसाइल (बीवीआरएएएम) 'अस्त्र' का सफल परीक्षण किया.

स्वदेशी ‘रेडियो फ्रीक्वेंसी (आरएफ) सीकर' से लैस ‘अस्त्र' का परीक्षण ओडिशा तट के पास भारतीय फाइटर जेट सुखोई-30 एमके-1 से किया गया. रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, परीक्षण के दौरान दो मिसाइल लॉन्च किए गए. इनमें हाई-स्पीड मानवरहित हवाई लक्ष्यों को विभिन्न रेंज, दिशा और लॉन्च प्लेटफॉर्म्स की स्थितियों में निशाना बनाया गया. बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए दोनों बार मिसाइल ने लक्ष्य को अत्यंत सटीकता के साथ नष्ट किया.

मंत्रालय के अनुसार, मिसाइल परीक्षण में स्वदेशी आरएफ सीकर सहित सभी सबसिस्टम्स ने अपेक्षा के अनुरूप प्रदर्शन किया. यह आरएफ सीकर डीआरडीओ द्वारा देश में ही डिजाइन और विकसित किया गया है. इस परीक्षण ने 'अस्त्र' मिसाइल प्रणाली की सटीकता और विश्वसनीयता को प्रमाणित किया है. यह प्रामाणिकता इंटीग्रेटेड टेस्ट रेंज, चांदीपुर द्वारा तैनात रेंज ट्रैकिंग यंत्रों के माध्यम से प्राप्त उड़ान डेटा के आधार पर मिली है.

'अस्त्र' की मारक क्षमता 100 किलोमीटर से अधिक है. यह उन्नत गाइडेंस एवं नेविगेशन प्रणाली से युक्त है. इस परियोजना में डीआरडीओ की विभिन्न प्रयोगशालाओं के साथ-साथ हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) समेत 50 से अधिक सार्वजनिक और निजी उद्योगों का योगदान रहा है.

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस सफलता के लिए डीआरडीओ, भारतीय वायुसेना और औद्योगिक साझेदारों को बधाई दी है. उन्होंने कहा कि स्वदेशी सीकर के साथ मिसाइल का सफल परीक्षण रक्षा तकनीक में आत्मनिर्भरता की दिशा में एक बड़ा मील का पत्थर है.

रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग के सचिव तथा डीआरडीओ प्रमुख डॉ. समीर वी. कामत ने भी इस सफलता के लिए सभी टीमों को बधाई दी.

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