क्‍या देश कोरोना की अगली लहर की ओर बढ़ रहा, डॉ. एसके सरीन ने दिया यह जवाब...

डॉ. सरीन ने जोर देकर कहा कि अभी भी सावधानी जरूरी है. अगर कोरोना फिर से आ गया तो स्थिति भयावह होगी.

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सरकार ने देश की समूची वयस्क आबादी को कोरोना वैक्सीन का बूस्टर डोज लगाने को हरी झंडी दी है

नई दिल्‍ली:

Booster dose: केंद्रीय स्‍वास्‍थ्‍य मंत्रालय ने देश की समूची वयस्क आबादी को कोरोना वैक्सीन का बूस्टर डोज़, यानी तीसरा डोज़, लगाने को हरी झंडी दे दी है. इस बारे में एलबीएस अस्पताल के वीसी, डॉ एसके सरीन ने NDTV से विशेष बातचीत में कहा, 'तीसरा डोज या बूस्‍टर डोज 9 महीने के बाद लगाने के लिए कहा गया है जिनको दो डोज लग चुकी हैं. इस असर लगभग  9 माह से एक साल से रहेगा. अगर नया वेरिएंट आ जाए या वायरस का पूरा स्‍वरूप बदल जाए या वायरस किसी और के साथ जाए तो मुश्किल होगी.मैं ये कहूंगा कि थर्ड डोज का 9 माह से एक साल तक फायदा रहेगा.  यह पूछने पर कि हर साल 9 माह बाद डोज लगवाना पड़ेगा, डॉ. सरीन ने कहा कि अगर वायरस जैसे आप कोल्‍ड का फ्लू वाला आप शॉट लगाते हैं, सारे लोगों को जो बुजुर्ग हैं को एक शॉट अक्‍टूबर- नवंबर में लगवाना चाहिए क्‍योंकि इससे निमोनिया नहीं होता. फ्लू जो है वही वायरस है जो कोरोना है.  ये हर बार बदल जाता है. फ्लू का हर साल नया वैक्‍सीन बनता है. ऐसे में बचाव के लिए हर साल लगवाने में कोई बुराई नहीं है.'

इस सवाल कि एक तरफ मास्‍क पर अब कोई फाइन नहीं फिर दूसरा वैक्‍सीन लगवाने की बात कही जा रही, इसके जवाब में उन्‍होंने कहा कि मास्‍क आपकी रक्षा के लिए है जबकि वैक्‍सीन आपकी और दूसरों की रक्षा के लिए है. जैसा आप देख रहे कि दिल्‍ली और हरियाणा में कोरोना के केस फिर से बढ़े हैं, ऐसे में बचाव के लिए मास्‍क लगाना जरूरी है, साथ ही वैक्‍सीन लगवाना भी जरूरी है. उन्‍होंने कहा कि आप आग लगने के बाद कुआं नहीं खोदते, पहले से तैयारी करते हैं.  आज आप तैयारी करेंगे,  वैक्‍सीन की थर्ड डोज लगवाएंगे तो चार से छह हफ्ते में आपकी इम्‍युनिटी काफी अच्‍छी हो जाएगी. बहुत समय तक अचछी रहेगी. आपको दोनों काम करने है, वैक्‍सीन लगवानी है और मास्‍क भी लगाए रखना है. 

उन्‍होंने जोर देकर कहा कि अभी भी सावधानी जरूरी है. अगर कोरोना फिर से आ गया तो स्थिति भयावह होगी. ऐसे में लोगों को सावधानी रखनी ही होगी. बूस्‍टर डोज की बात करूं तो यह सरकार की अच्‍छी शुरुआत है. कीमत भी काफी कम कर दी गई है. मेरा मानना है कि आम लोगों के लिए जो कीमत है, देश की बहुतायत लोग इस कीमत को अफोर्ड कर सकते हैं. उन्‍होंने कहा कि गरीबों के लिए मुश्किल हो सकती है.उनके लिए भी कोई उपाए निकलेगा. ज्यादातर लोग 225 रु अफोर्ड कर सकते हैं. कई लोगों के पास पैसा है तो वो क्यों सामने नहीं आते कि मैं टीका लगवा दूंगा. सारा काम सरकार ही करे. सरकार ने ये वैक्सीन सबके लिए ले आई .ये बहुत बड़ा कदम है. 

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टॉस्‍क फोर्स के सदस्‍य रहे डॉ. सरीन ने कहा कि मेरा मानना है क‍ि थर्ड डोज अभी जल्‍द से जल्‍द लगवाएं. ऐसा खतरा है तो सरकार क्‍यों मास्‍क हटाने को कह रही है, इस सवाल पर उन्‍होंने कहा कि सरकार की ओर से केवल यह कहा गया है कि मास्‍क न लगाने पर अब फाइन नहीं लगेगा. सरकार ने यह सलाह दी है कि मास्‍क लगाना है लेकिन जुर्माना अब नहीं लगाने की बात कही गई है लेकिन अपने बचाव के लिए मास्‍क लगाना ही सही है. अपने आप से सावधान रहने की जरूरत  है. क्‍या हम अगली लहर की ओर बढ़ रहे है, इस सवाल पर उन्‍होंने कहा, 'मैं नहीं कहूंगा कि अगले वेब की ओर बढ़ रहे लेकिन हलचल जरूर है. हांगकांग, चीन व अन्‍य देशों में जहां ओमिक्रॉन ज्‍यादा नहीं था, डेल्‍टा का भी एक्‍सपोजर नहीं था ऐसे देशों में जरूर हुआ है. लेकिन यूके में जहां चार-चार डोज लग चुकी हैं, वहां लोग कहने लगे हैं कि वहां फिर लॉकडाउन लग सकता है. अमेरिका में भी डेथ रेट बहुत कम नहीं है.यह वायरस रूप बदल सकता है, आपकी इम्‍युनिटी को धोखा दे सकता है. मेरे विचार में आप कहीं भी जाए, कहीं भी घूमें लेकिन बूस्‍टर डोज लगवाकर रखें और 2022 में मास्‍क को न छोड़ें.  '

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