डॉ. साहब की अपनी एक ही कार थी, मारुति 800... बॉडीगार्ड ने सुनाई 'मिडिल क्लास' मनमोहन की कहानी

पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह अब नहीं रहे. 92 साल की उम्र में गुरुवार रात दिल्ली स्थित एम्स में डॉ. मनमोहन सिंह का निधन हो गया. केंद्र सरकार ने सात दिन के राष्ट्रीय शोक की घोषणा की है और शुक्रवार को होने वाले सभी सरकारी कार्यक्रम रद्द कर दिए हैं.

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पूर्व पीएम मनमोहन सिंह साल 2004 से 2014 तक प्रधानमंत्री रहे थे...

नई दिल्‍ली:

पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने अपनी पूरी जिंदगी बेहद सादगी से गुजारी. वह जमीन से जुड़े इंसान थे, जो प्रधानमंत्री बनने के बाद भी वैसे ही रहे. ज्‍यादा तामझाम और शानो शौकत शब्‍द उनकी जिंदगी से कभी जुड़े ही नहीं. डॉ. मनमोहन सिंह के पास जिंदगी भर एक ही गाड़ी रही और वो थी मारुति 800. वह भी उन्‍होंने लोन लेकर खरीदी थी. कभी डॉ. मनमोहन सिंह के बॉडीगार्ड रहे उत्‍तर प्रदेश के मंत्री असीम अरुण ने उन्हें याद करते हुए बताया कि उन्‍हें कभी बीएमडब्‍ल्‍यू कार पसंद नहीं आई. मनमोहन सिंह की पहली पसंद मारुति 800 थी.

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डॉ. मनमोहन सिंह के निधन पर असीम अरुण ने एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, 'मैं 2004 से लगभग तीन साल उनका बॉडी गार्ड रहा. एसपीजी में पीएम की सुरक्षा का सबसे अंदरुनी घेरा होता है. क्लोज़ प्रोटेक्शन टीम जिसका नेतृत्व करने का अवसर मुझे मिला था. एआईजी सीपीटी वो व्यक्ति है जो पीएम से कभी भी दूर नहीं रह सकता. यदि एक ही बॉडी गार्ड रह सकता है तो साथ यह बंदा होगा. ऐसे में उनके साथ उनकी परछाई की तरह साथ रहने की जिम्मेदारी थी मेरी.'

डॉ. मनमोहन सिंह की सादगी की बात करते हुए असीम अरुण ने लिखा, 'डॉ साहब (मनमोहन सिंह) की अपनी एक ही कार थी- मारुति 800, जो पीएम हाउस में चमचमाती काली बीएमडब्ल्यू के पीछे खड़ी रहती थी. मनमोहन सिंह जी बार-बार मुझे कहते- असीम, मुझे इस कार में चलना पसंद नहीं, मेरी गड्डी तो यह है (मारुति). मैं समझाता कि सर यह गाड़ी आपके ऐश्वर्य के लिए नहीं है, इसके सिक्योरिटी फीचर्स ऐसे हैं, जिसके लिए एसपीजी ने इसे लिया है. लेकिन जब कारकेड मारुति के सामने से निकलता तो वे हमेशा मन भर उसे देखते. जैसे संकल्प दोहरा रहे हो कि मैं मिडिल क्लास व्यक्ति हूं और आम आदमी की चिंता करना मेरा काम है. करोड़ों की गाड़ी पीएम की है, मेरी तो यह मारुति है.'

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नहीं रहे मनमोहन सिंह...
पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह अब नहीं रहे. 92 साल की उम्र में गुरुवार रात दिल्ली स्थित एम्स में डॉ. मनमोहन सिंह का निधन हो गया. केंद्र सरकार ने सात दिन के राष्ट्रीय शोक की घोषणा की है और शुक्रवार को होने वाले सभी सरकारी कार्यक्रम रद्द कर दिए हैं. वह 1991 में पहली बार असम से राज्यसभा के सांसद चुने गए. उन्होंने देश की अर्थव्यवस्था को सुधारने के लिए कई सुधार किए, जिससे भारत की अर्थव्यवस्था बेहतर हुई. वह 1998 से 2004 तक विपक्ष के नेता भी रहे। हालांकि, साल 2004 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी को मिली जीत के बाद उन्होंने 14वें प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली. उन्होंने यूपीए-1 और 2 में प्रधानमंत्री का पद संभाला. मनमोहन सिंह ने पहली बार 22 मई 2004 और दूसरी बार 22 मई, 2009 को प्रधानमंत्री के पद की शपथ ली थी.

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