दिल्ली की आम आदमी पार्टी की सरकार अपनी घर-घर राशन योजना को लेकर लगातार केंद्र सरकार के सामने जोर लगा रही है. केजरीवाल सरकार ने एक बार फिर से उपराज्यपाल अनिल बैजल को इस योजना की फाइल भेजी है. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इसके साथ ही कई सवाल भी उठाए हैं. सरकार का कहना है कि पिछले तीन साल से इस योजना की बात थी, नॉटिफिकेशन वगैरह सब जारी हुआ, लेकिन तब इसका विरोध नहीं किया गया और अब कोरोना टाइम में इसका विरोध किया जा रहा है, जो गलत है.
केजरीवाल ने लिखा-
1. हमारी योजना क़ानून के मुताबिक़ है और यह योजना केंद्र सरकार के आदेशों का पालन करने के लिए लागू की गई.
2. कोरोना काल में इस योजना को रोकना ग़लत है.
3. पिछले तीन साल में चार बार LG साहिब को घर-घर राशन योजना की कैबिनेट निर्णय की जानकारी दी गई, लेकिन LG साहिब ने कभी इसका विरोध नहीं किया. फरवरी महीने में इस योजना को लागू करने के नोटिफ़िकेशन का भी LG साहिब ने विरोध नहीं किया. LG साहेब को ये जानकारी थी कि स्कीम को मंज़ूरी मिल गई है और यह लागू होने के कगार पर थी.
4. केंद्र सरकार ने जितनी आपत्ति लगायी, सारी ठीक कर दी गयी.
5. पांच सुनवाई के बावजूद हाईकोर्ट ने इस केस में कोई स्टे नहीं लगाया. कोर्ट केस के दौरान केंद्र ने कभी किसी मंजूरी के बारे में नहीं बताया, फिर इस योजना को क्यों रोका जा रहा है?
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उपराज्यपाल ने वापस कर दी थी फाइल
बता दें कि इस महीने की शुरुआत में मुख्यमंत्री कार्यालय ने बताया था कि सरकार अगले कुछ दिनों में योजना शुरू करने के लिए तैयार थी. सीएमओ ने एक बयान में दावा किया था कि उपराज्यपाल ने दो जून को यह कहते हुए फाइल वापस कर दी कि योजना को लागू नहीं किया जा सकता है. दिल्ली सरकार ने आरोप लगाया था कि केंद्र इस योजना को रोक रही है.
हालांकि, केंद्र ने इसका विरोध करते हुए कहा था कि 'दिल्ली सरकार जिस तरह चाहे राशन वितरण कर सकती है और उसने दिल्ली सरकार को ऐसा करने से नहीं रोका है. वे किसी अन्य योजना के अंतर्गत भी ऐसा कर सकते हैं. भारत सरकार अधिसूचित दरों के अनुसार इसके लिए राशन उपलब्ध कराएगी. ऐसा कहना बिल्कुल गलत होगा कि केंद्र सरकार किसी को कुछ करने से रोक रही है.'