प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने डंकी रूट मामले में पंजाब और हरियाणा में कुल सात अलग-अलग ठिकानों पर छापेमारी की. ईडी नेपंजाब के मंसा में जबकि हरियाणा के कुरुक्षेत्र और करनाल के ठिकानों पर छापेमारी की. डंकी रूट मामले में ईडी की मौजूदा कार्रवाई 9 जुलाई 2025 को की गई 11 स्थानों पर छापेमारी के दौरान जुटाए गए ठोस इनपुट्स के आधार पर हो रही है. जांच में सामने आया है कि दूसरे स्तर के ट्रैफिकर्स ने देश के बाहर डंकी रूट के संसाधनों को अवैध तरीके से जुटाने में मदद की थी और 'डॉन्कर्स' (ह्यूमन ट्रैफिकिंग चैनल्स) से मिलीभगत की थी.
आपको बता दें कि ईडी जालंधर ने बुधवार 9 जुलाई को पंजाब और हरियाणा के 11 ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की थी. ये छापे अमृतसर, संगरूर, पटियाला, मोगा, अंबाला, कुरुक्षेत्र और करनाल जिलों में मारे गए. ईडी की इस कार्रवाई में 30 पासपोर्ट जब्त किए गए थे. साथ ही जांच एजेंसी ने करोड़ों रुपये के हवाला लेनदेन का भी खुलासा करने में कामयाबी हासिल की है. मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत यह कार्रवाई पंजाब और हरियाणा पुलिस की एफआईआरों के आधार पर शुरू की थी, जो कि BNS 2023 (पूर्व में IPC 1860) और इमिग्रेशन एक्ट, 1983 की धाराओं के तहत दर्ज की गई थीं.
क्या है ‘डंकी रूट' केस
जांच में सामने आया कि अमेरिका जाने की चाहत रखने वाले लोगों को कुछ ट्रैवल एजेंट्स और बिचौलियों ने कानूनी वीजा का झांसा देकर धोखा दिया, लेकिन उन्हें गैरकानूनी तरीके से 'डंकी रूट' यानी खतरनाक रास्तों और कई देशों की सरहदें पार करवा कर अमेरिका भेजा गया था. इस काम में डोंकर (ह्यूमन ट्रैफिकिंग गिरोह के सदस्य) और अंतरराष्ट्रीय माफिया शामिल थे.इतना ही नहीं रास्ते में इन यात्रियों को डराकर और धमकाकर उनके परिवारों से अतिरिक्त पैसे भी वसूले जाते थे.