कुछ भी गलत नहीं किया, न्यायालय के आदेश का पालन करूंगा: याचिका खारिज करने के SC के आदेश पर डीके शिवकुमार

डीके शिवकुमार से जब यह पूछा गया कि क्या यह इरादतन किया जा रहा है, उन्होंने कहा, ‘‘मैं अदालती विषयों पर कैसे बोल सकता हूं? अदालत के आदेश का पालन करना होगा.’’

विज्ञापन
Read Time: 3 mins
बेंगलुरु:

कर्नाटक के उप मुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार ने आय से अधिक संपत्ति के मामले में सीबीआई की प्राथमिकी को चुनौती देते हुए उनकी ओर से दायर याचिका उच्चतम न्यायालय द्वारा खारिज किये जाने के बाद सोमवार को कहा कि उन्होंने कुछ भी गलत नहीं किया है और शीर्ष अदालत के आदेश का पालन करेंगे. शिवकुमार ने याद दिलाया कि राज्य सरकार ने उनके खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को दी गई मंजूरी वापस ले ली है और मामला लोकायुक्त को सौंप दिया है, इसलिए सीबीआई जांच नहीं कर सकती.

शिवकुमार प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भी हैं. उच्चतम न्यायालय की न्यायाधीश न्यायमूर्ति बेला एम त्रिवेदी और न्यायमूर्ति एस सी शर्मा की पीठ ने कहा कि वह कर्नाटक उच्च न्यायालय के आदेश में हस्तक्षेप करने को इच्छुक नहीं है. शिवकुमार ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘हमने प्राथमिकी रद्द किये जाने का आग्रह किया था. उच्च न्यायालय ने कहा कि यह नहीं किया जा सकता. मैंने अपील दायर की और अब मुझे यह संदेश मिला कि उन्होंने (उच्चतम न्यायालय) भी कहा है कि यह नहीं किया जा सकता. अदालत जो कुछ कह रही है, उसका पालन करूंगा.''

उन्होंने कहा, ‘‘जांच तो होगी ही. सीबीआई को जांच नहीं करनी चाहिए, यह कहने के बावजूद वह जांच कर रही है. लोकायुक्त भी जांच कर रहे हैं. उन्हें करने दीजिए, मैंने कुछ गलत नहीं किया है.'' शिवकुमार ने सीबीआई के जांच जारी रखने का जिक्र करते हुए कहा, ‘‘जब हमारी सरकार ने (मुकदमा चलाने की मंजूरी) वापस ले ली और मामला लोकायुक्त को सौंप दिया गया, तो सीबीआई जांच नहीं कर सकती. लेकिन वे (सीबीआई) अदालत चले गए.... मेरी संपत्ति और देनदारियों का विवरण, जो भी आवश्यक होगा मैं दूंगा.''

यह पूछे जाने पर कि क्या यह इरादतन किया जा रहा है, उन्होंने कहा, ‘‘मैं अदालती विषयों पर कैसे बोल सकता हूं? अदालत के आदेश का पालन करना होगा.'' शीर्ष अदालत, उच्च न्यायालय के 19 अक्टूबर 2023 के उस आदेश के खिलाफ शिवकुमार की याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें उनकी अर्जी खारिज कर दी गई थी. उच्च न्यायालय ने सीबीआई को जांच पूरी करने और तीन महीने के अंदर रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया था.

सीबीआई ने आरोप लगाया है कि शिवकुमार ने 2013 से 2018 के बीच अपनी आय के ज्ञात स्रोत से अधिक संपत्ति अर्जित की. वह इस अवधि के दौरान पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार में मंत्री थे. प्राथमिकी तीन सितंबर 2020 को सीबीआई द्वारा दर्ज की गई थी. शिवकुमार ने प्राथमिकी को 2021 में उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी.

ये भी पढ़ें-: 

कर्नाटक में रामनगर के नाम पर बवाल,शिवकुमार और कुमारस्वामी के दांवपेच का हर ऐंगल समझिए

(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
Featured Video Of The Day
RSS Chief Mohan Bhagwat और BJP के अलग-अलग बयानों की पीछे की Politics क्या है?
Topics mentioned in this article