कूटनीति, वार्ता से विवाद सुलझाया जाए, बूचा में नरसंहार की निंदा : यूक्रेन युद्ध पर संसद में विदेशमंत्री

उन्होंने कहा कि यूक्रेन से हमने करीब 20 हजार भारतीयों को निकाला. साथ ही दूसरे देशों के नागरिकों को भी वहां से निकाला. ऐसा किसी देश दे नहीं किया. बाकि देश आज हमारा उदाहरण दे रहे हैं. 

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यूक्रेन युद्ध पर संसद में बोले विदेशमंत्री एस जयशंकर

नई दिल्ली:

यूक्रेन युद्ध पर संसद में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि इस विवाद को कूटनीति और वार्ता से सुलझाया जाए. वहीं बूचा में हुए नरसंहार की निंदा भी की है. उन्होंने कहा कि ऑपरेशन गंगा एक बड़ी चुनौती थी. युद्ध के बीच हमने लोगों को वहां से सुरक्षित निकाला. वहां पर स्टूडेंट ने बहुत साहस दिखाया. जब युद्ध शुरू हुआ तो हमने वहां के मंत्रियों से बात की. यह बात भी जरूर कहूंगा कि अगर हमारे मंत्री नहीं जाते तो यह काम उतना आसानी से नहीं होता. मैं इस पूरे टीम वर्क की प्रशंसा करता हूं. 

उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं यूक्रेन और रूस के राष्ट्रपति के बीच बात हो. ऑपरेशन गंगा के बारे में ये कहना चाहूंगा कि हमने करीब 20 हजार भारतीयों को वहां से निकाला. साथ ही दूसरे देशों के नागरिकों को भी वहां से निकाला. ऐसा किसी देश दे नहीं किया. बाकि देश आज हमारा उदाहरण दे रहे हैं. 

पीएम ने खुद लीडरों से बात की, जहां लोग फंसे थे, वहां युद्धविराम करवाया. चुनाव अभियान के बीच मे पीएम ने इसको लेकर मीटिंग की. खारकीव और सुन्नी में हालात खराब थे. इसको लेकर पीएम मोदी ने रूस के राष्ट्रपति पुतिन से बात की. इस बात से स्टूडेंट को सेफ जोन मिला. दोनो देशों से अनुरोध किया कि आप जहां स्टूडेंट निकल रहे हैं, वहां फायरिंग मत कीजिए. 

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जहां-जहां लोग फंसे थे, उनसे कांटेक्ट में था. यह भी सच है कि ज्यादातर लोग ट्रेन से निकले और वहां की सरकार ने हमारे कहने पर स्पेशल ट्रेन चलाए.  मानता हूं इसमे कोई लेसन होगा . जहां सीखना चाहिए वहां से सीखते हैं. यह एक कलेक्टिव एफर्ट्स था इसमे सरकार और लोग शामिल थे. यूक्रेन से वापस लौटे छात्रों की पढ़ाई को लेकर एस जयशंकर ने कहा कि जो स्टूडेंट्स आए हैं, उनकी चिंता स्वाभाविक है. यूक्रेन की सरकार ने फैसला लिया हैय स्टूडेंट को एग्जाम में रिलेक्स दिया जाएगा.

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बता दें कि भारत ने संयुक्‍त राष्‍ट्र में भी इस बात को दोहराया है कि यूक्रेन के बुचा ने आम नागरिकों के मारे जाने की रिपोर्ट परेशान करने वाली हैं. हम इसकी स्‍वतंत्र जांच की मांग करते हैं. संयुक्‍त राष्‍ट्र सुरक्षा परिषद में अब तक के अपने सख्‍त बयान में भारत के दूत टीएस तिरुमूर्ति ने कहा, 'यूक्रेन के बुचा (Bucha) में आम नागरिकों के मारे जाने की हाल की रिपोर्ट्स परेशान करने वाली है. हम इन हत्‍याओं की स्‍पष्‍ट रूप से निंदा करते हैं और मामले की स्‍वतंत्र जांच का समर्थन करते हैं. ' इसके साथ ही भारत ने हिंसा को तत्‍काल खत्‍म करने और शत्रुता समाप्‍त करने के आह्वान को दोहराया. 

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