Maharashtra: अदालत की रोक के बावजूद सांगली में हुई बैलगाड़ी की दौड़, BJP विधायक ने किया समर्थन

Maharashtra: सुप्रीम कोर्ट की रोक के बावजूद पश्चिमी महाराष्ट्र में बैलगाड़ी की दौड़ का आयोजन किया गया. सैकड़ों की तादाद में लोग कोरोना नियमों की धज्जियां उड़ाते दिखे.

विज्ञापन
Read Time: 15 mins
bullock cart race: सुप्रीम कोर्ट की रोक के बावजूद पश्चिमी महाराष्ट्र में बैलगाड़ी की दौड़ का आयोजन.
मुंबई:

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने पश्चिमी महाराष्ट्र (Maharashtra) में हर साल होने वाली बैलगाड़ी की दौड़ (Bullock Cart Race) पर 2014 में रोक लगा दी थी. कोर्ट की रोक के बावजूद आज शुक्रवार की सुबह बीजेपी (BJP) विधायक की देखरेख में सैकड़ों लोग एक जगह पर इकट्ठा हुए और इस दौड़ का आयोजन किया गया. बीजेपी नेता का कहना है कि वो अपनी संस्कृति बचा रहे हैं. महाराष्ट्र के सांगली (Sangli) ज़िले के वसंत क्षेत्र में बैलगाड़ी दौड़ के लिए इकट्ठा हुए लोगों ने कोरोना के क़ायदे भी तोड़े, साथ ही सुप्रीम कोर्ट के 2014 के आदेश की भी अवहेलना की गई.

तालिबान के कारण अपने वतन से बेघर हुए अफगानियों को आस, दूसरे देशों में मिल जाएगी 'शरण'

बीजेपी विधायक गोपीचंद पडलकर ने 20 अगस्त को ही इस दौड़ की घोषणा की थी. मुख्य आयोजन स्थल से कुछ दूर सुबह-सुबह इस दौड़ का आयोजन किया गया. गौर करने वाली बात है कि मौके पर पुलिस देरी से पहुंची. बीजेपी विधायक संस्कृति का हवाला देते हुए पाबंदी हटाने की मांग कर रहे हैं. बीजेपी विधायक गोपीचंद पडलकर ने कहा कि हमारी मांग है कि राज्य सरकार सुप्रीम कोर्ट में इस मुद्दे पर हमारी तरफ से आवाज़ उठाए और जल्द से जल्द कोई निर्णय ले. अगर ऐसा नहीं होता है तो हम लाखों बैलगाड़ियों को लेकर महात्मा ज्योतिबा फुले के गांव से मुंबई आकर प्रदर्शन करेंगे.

पुलिस की ओर से पहले ही चेतावनी दी गई थी कि इस तरह का कोई आयोजन नहीं किया जाए. इलाके में धारा 144 भी लागू थी, इसके बावजूद दौड़ हुई. अब प्रशासन कार्रवाई की बात कर रहा है. जिलाधिकारी डॉ. अभिजीत चौधरी ने कहा कि मेरी पुलिस अधीक्षक से बात हुई है. इस मामले की जांच की जा रही है और इसके लिए ज़िम्मेदार लोगों के खिलाफ पुलिस प्रशासन की ओर से कार्रवाई की जाएगी.

Advertisement

दोनों आंख निकालकर मारी 6 गोलियां, तालिबान से बचकर निकली बहादुर महिला ने बयां किया दर्द

पिछले कुछ दिनों से बीजेपी कोरोना के चलते लगाई गई पाबंदियों का विरोध कर रही है. राज्य में राजनैतिक रैलियों पर पाबंदी होने के बावजूद नारायण राणे रैली करते नज़र आए हैं, तो वहीं राम कदम मंदिर नहीं खोले जाने का विरोध करते नजर आए. ज़ाहिर है कि बीजेपी अब इन पाबंदियों को चुनावी मुद्दा बनाना चाहती है.

Advertisement
Featured Video Of The Day
RSS Chief Mohan Bhagwat और BJP के अलग-अलग बयानों की पीछे की Politics क्या है?
Topics mentioned in this article