कोरोनावायरस का डेल्टा प्लस वेरिएंट (Covid 19 Delta+ Variant) वर्तमान में विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के लिए चिंता का विषय नहीं है. मुख्य वैज्ञानिक डॉक्टर सौम्या स्वामीनाथन (Dr Soumya Swaminathan) ने गुरुवार को NDTV से यह बात कही. उन्होंने कहा कि वायरस के इस प्रकार से संक्रमित लोगों की संख्या फिलहाल काफी कम है. उन्होंने यह भी कहा कि कोविशील्ड को अपने वैक्सीन पासपोर्ट कार्यक्रम से रोकने वाले कुछ देशों के पास कोई तर्क नहीं था, जो महामारी के दौरान परेशानी मुक्त यात्रा की अनुमति देगा.
डॉक्टर स्वामीनाथन ने कहा कि यह ज्यादातर तकनीकी पर किया गया था क्योंकि एस्ट्राजेनेका वैक्सीन यूरोप में एक अलग ब्रांड के तहत उपलब्ध है. उन्होंने कहा कि डब्ल्यूएचओ वैक्सीन पासपोर्ट में कोविशील्ड को शामिल करने के लिए यूरोपीय चिकित्सा नियामक के साथ बातचीत कर रहा है. संगठन द्वारा कोवैक्सीन को मंजूरी के बारे में बोलते हुए, उन्होंने कहा कि अगस्त के दूसरे सप्ताह तक इसपर निर्णय होने की संभावना है.
बताते चलें कि गुजरात में स्वास्थ्य अधिकारियों ने जामनगर शहर की एक महिला के संपर्क में आए लोगों का पता लगाना शुरू कर दिया है, जो मई में कोरोना के डेल्टा प्लस स्वरूप से संक्रमित हुई थीं लेकिन स्वस्थ हो गई थीं. अधिकारियों ने बीते मंगलवार को यह जानकारी दी थी. अधिकारियों ने बताया कि यह गुजरात में डेल्टा प्लस स्वरूप से संक्रमण का सामने आया तीसरा मामला है. राज्य में इस समय इस अत्यंत संक्रामक स्वरूप का कोई मरीज उपचाराधीन नहीं है.
अतिरिक्त मुख्य सचिव (स्वास्थ्य) मनोज अग्रवाल ने बताया कि गुजरात में डेल्टा प्लस संक्रमण का यह तीसरा ऐसा मामला है, जिसमें रोगी संक्रमणमुक्त हो गईं. स्वास्थ्य विभाग वायरस के डेल्टा प्लस स्वरूप की मौजूदगी का पता लगाने के लिए नियमित रूप से संक्रमित रोगियों के नमूने एकत्रित करता है और उन्हें विश्लेषण के लिए प्रयोगशालाओं में भेजता है.
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