162 साल पहले इसी दिन दर्ज की गई थी दिल्ली की पहली FIR : कौन सा थाना था, क्या था मामला?

प्राथमिकी का कुछ हिस्सा उर्दू में, कुछ फारसी में लिखा गया था. इसे सब्जी मंडी थाने के अधिकार क्षेत्र में कटरा शीश महल के निवासी मोहम्मद ए.आर. खान के बेटे मैउद्दीन ने पंजीकृत कराया था.

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नई दिल्ली:

दिल्ली के पुलिस इतिहास में आज का दिन महत्वपूर्ण मील का पत्थर है, क्योंकि शहर की पहली प्राथमिकी इसी दिन 1861 में दर्ज की गई थी. यह मामला सब्जी मंडी थाने के अंतर्गत आने वाले क्षेत्र में '45 आने' यानी लगभग 2.80 रुपये मूल्य के घरेलू सामान की चोरी से जुड़ा था. इस अवसर पर सब्जी मंडी पुलिस थाने में विशेष कार्यक्रम आयोजित किए गए. आखिर प्राथमिकी की भाषा क्या थी और शिकायतकर्ता कौन थे?

इस ऐतिहासिक दिन का जश्न मनाने के लिए बुधवार को सब्जी मंडी थाना परिसर में विशेष कार्यक्रम आयोजित किए गए. एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने ‘पीटीआई-भाषा' को बताया, ‘‘यह दिन सब्जी मंडी थाने के सभी कर्मचारियों के लिए खास है. (इस अवसर पर) एक रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया. इस दिन कुल 162 केक काटे गए. सब्जी मंडी क्षेत्र के निवासियों के लिए खेल और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए गए.''

जब शहर में पहली प्राथमिकी दर्ज की गई थी, तब दिल्ली, पंजाब प्रांत का हिस्सा था. उर्दू और फ़ारसी प्रचलित भाषाएं थीं और अदालत तथा पुलिस दस्तावेज़ों में इनका उपयोग किया जाता था. प्राथमिकी का कुछ हिस्सा उर्दू में, कुछ फारसी में लिखा गया था. इसे सब्जी मंडी थाने के अधिकार क्षेत्र में कटरा शीश महल के निवासी मोहम्मद ए.आर. खान के बेटे मैउद्दीन ने पंजीकृत कराया था.

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सब्जी मंडी थाने के प्रभारी राम मनोहर मिश्रा ने बुधवार को ‘पीटीआई-भाषा' को बताया कि यह मामला चोरी का पहला पंजीकृत मामला है. चोरी की गई वस्तुओं में महिलाओं के कपड़े, एक हुक्का, खाना पकाने के तीन छोटे बर्तन (डेकची), एक कटोरा, और अन्य सामान शामिल हैं जिनकी अनुमानित कीमत उस वक्त '45 आने' थी. मिश्रा ने कहा कि सब्जी मंडी क्षेत्र का इतिहास 1861 के भारतीय पुलिस अधिनियम के लागू होने से जुड़ा हुआ है.

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सब्जी मंडी, दिल्ली का पहला पुलिस स्टेशन था, जिसे आधिकारिक तौर पर 18 अक्टूबर 1861 को स्थापित किया गया था. थाना प्रभारी ने कहा कि यह पुलिस स्टेशन ऐतिहासिक कश्मीरी गेट और तीस हजारी अदालत के पास है तथा इन क्षेत्रों का अपना समृद्ध इतिहास है. मिश्रा ने कहा, 'यह दिल्ली-6 का हिस्सा था, जिसे पुरानी दिल्ली भी कहा जाता है. परिसीमन के बाद अब यह दिल्ली-7 के अंतर्गत आता है.' पुलिस उपायुक्त मनोज कुमार मीणा ने थाने के कर्मचारियों को बधाई दी और इसकी विरासत को कायम रखने तथा आगे बढ़ाने की अपील की. दिल्ली के इस सबसे पुराने पुलिस थाने में फिलहाल कुल 599 मामले लंबित हैं. वर्तमान में, वहां पुलिस निरीक्षक और एक थाना प्रभारी सहित 90 कर्मचारी हैं.

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(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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