ये जो है जिंदगी! लौट गई यमुना, पीछे छोड़ गई जख्म... जरा हाल-ए-दिल्ली देखिए

राजधानी में यमुना का पानी उतर रहा है. लेकिन पीछे छोड़ गया है गाद, गंदगी और कीचड़ का ऐसा दर्द, जिसमें फंसकर लोगों की आह और कराह निकल रही है.

विज्ञापन
Read Time: 3 mins
फटाफट पढ़ें
Summary is AI-generated, newsroom-reviewed
  • राजधानी में यमुना का उतरता पानी गाद, गंदगी और कीचड़ का गहरा दर्द पीछे छोड़ गया है.
  • यमुना का रौद्र रूप शांत होने के बाद लोग अब जिंदगी को पटरी पर लाने की जद्दोजहद में जुट गए हैं.
  • खरीदारों की चहल-पहल से गुलजार रहने वाला मोनेस्ट्री तिब्बती मार्केट अब भी आधा पानी डूबा है.
क्या हमारी AI समरी आपके लिए उपयोगी रही?
हमें बताएं।
नई दिल्ली:

जब तक जान है, जिंदगी नहीं रुकती. उतरती यमुना की कीचड़ हो या जीवन की चुनौतियां, हर सुबह एक नई उम्मीद लेकर आती है. राजधानी में यमुना का पानी उतर रहा है. लेकिन पीछे छोड़ गया है गाद, गंदगी और कीचड़ का ऐसा दर्द, जिसमें फंसकर लोगों की आह और कराह निकल रही है. यमुना का रौद्र रूप शांत होने के बाद लोग अब नई उम्मीद के सहारे, जिंदगी को फिर से पटरी पर लाने की जद्दोजहद में जुट गए हैं. 

खरीदारों की चहल-पहल से गुलजार रहने वाला मोनेस्ट्री तिब्बती मार्केट अब भी आधा पानी डूबा है. अधिकतर दुकानें बंद हैं. बाढ़ की आहट मिलते ही लोगों ने दुकानों का सामान शिफ्ट कर दिया था, इसलिए नुकसान से बच गए. अब लोग पानी निकालने के लिए खुद ही जुट गए हैं. मोटर पंप, छोटी मशीनों के अलावा हाथों से गाद निकालने का काम किया जा रहा है. 

यमुना के आसपास की कई कॉलोनियों में हालत अब भी बदतर हैं. यमुना का प्रचंड रूप शांत हो रहा है, लेकिन उसका दर्द अब भी लोगों की जिंदगी को जकड़े हुए है. घरों, गलियों और रास्तों पर इसके निशान अब साफ नजर आ रहे हैं. कहीं पानी तो कहीं गाद और कीचड़ अटी पड़ी है. सीवर ओवरफ्लो हो रहे हैं क्योंकि पानी की निकासी के लिए जगह नहीं है. 

यमुना बाजार के घाटों के हाल भी बदहाल हैं. बाढ़ का पानी घरों में बदबूदार कीचड़ छोड़कर वापस लौट चुका है. हालात ये हैं कि पैदल चलना भी दूभर है. हर जगह कीचड़ और गाद ही गाद है. लेकिन स्थानीय लोगों की हिम्मत देखने लायक है. कमर तक सने होने के बावजूद इस आपदा से निजात पाने के लिए उन्होंने जी-जान एक कर दी है. सफाई का काम शिफ्टों में चल रहा है.

यमुना के उफनाने के बाद आसपास की कॉलोनियों से लोगों को सुरक्षित जगहों पर शिफ्ट किया गया, लेकिन मुश्किलों के साथ ही सही, जिंदगी यहां भी बदस्तूर चलती रही. कीचड़ में लिपटी नन्ही बच्ची का जन्मदिन हो या फिर खाना पकाना-खाना, रिलीफ कैंप में रहते हुए भी लोगों ने जिंदगी के हर लम्हे को जिया.

दिल्ली के पुराने रेलवे पुल पर यमुना का जलस्तर सोमवार सुबह 7 बजे खतरे के निशान से नीचे 205.22 मीटर पर दर्ज किया गया. एक दिन पहले, रविवार रात 9 बजे जलस्तर 205.33 मीटर था. गुरुवार को यहां वॉटर लेवल 207.48 मीटर तक पहुंच गया था, जो इस मौसम का सबसे उच्चतम स्तर था. इसके बाद से जलस्तर में गिरावट आ रही है। सोमवार सुबह छह बजे जलस्तर 205.24 मीटर दर्ज किया गया।

Advertisement

राजधानी के लिए चेतावनी का निशान 204.50 मीटर और खतरे का निशान 205.33 मीटर है. जलस्तर 206 मीटर पर पहुंचने पर लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाने का काम शुरू कर दिया जाता है. 

Featured Video Of The Day
Syed Suhail: दिवाली-छठ पर ट्रेनों में हाहाकार! | Bharat Ki Baat Batata Hoon | Diwali 2025 | Chhath
Topics mentioned in this article