पानी पर पहरा: 8 तस्वीरों में समझिए, बूंद-बूंद के लिए तरसती दिल्ली की सियासी कहानी

हिमाचल प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया है कि वह अब दिल्ली के लिए 137 क्यूसेक पानी नहीं दे पाएगा. इसके पीछे की वजह ये बताई गई है कि उसके पास फिलहाल इतना पानी ही नहीं है.

विज्ञापन
Read Time: 3 mins
दिल्ली में और गहरा सकता है जल संकट.
नई दिल्ली:

राजधानी दिल्ली पानी की एक-एक बूंद के लिए तरसने वाली है. ये कहकर हम आपको डराना नहीं चाहते हैं, लेकिन हालात कुछ ऐसे ही बनते दिख रहे हैं. दरअसल, ऐसा इसलिए भी क्योंकि हिमाचल सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार को बताया है कि वह दिल्ली के लिए 137 क्यूसेक पानी नहीं छोड़ सकती है. हिमाचल सरकार ने कहा है कि उसके पास इतना अतिरिक्त पानी है नहीं कि वह दिल्ली को पानी मुहैया करा सके. 

दिल्ली में जल संकट को लेकर अब सियासत भी तेज हो गई है. दिल्ली की जल मंत्री आतिशी ने बीते शनिवार को आरोप लगाया था कि हरियाणा मुनक नहर के माध्यम से दिल्ली को उसके हिस्से का पानी नहीं छोड़ रहा है.

उन्होंने कहा था कि हरियाणा और दिल्ली के बीच हुए समझौते के अनुसार हरियाणा को मुनक नहर के माध्यम से दिल्ली को 1050 क्यूसेक पानी छोड़ना था. 

NDTV की रिपोर्ट में इस बात का खुलासा हुआ था कि कुछ लोग मुनक नहर से पानी चुरा रहे हैं. इस खबर के सामने आने के बाद आम आदमी पार्टी ने आरोप लगाया था कि जल माफियाओं को दिल्ली सरकार के अधिकारियों से मदद मिल रही है. 


AAP ने एलजी को इस मामले में चिट्ठी लिखकर यह भी दावा किया है कि हरियाणा भी उतना पानी नहीं छोड़ रहा, जितना उसे देने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने कहा है.

आतिशी ने एलजी को लिखी थी चिट्ठी. इस चिट्ठी में आतिशी ने कहा था कि जनवरी 2023 में दिल्ली जल बोर्ड ने 1179 टैंकर तैनात किए थे. जून 2023 में टैंकरों की संख्या 1203 थी.

Advertisement

हालांकि, जनवरी 2024 में इसकी संख्या घटाकर 888 कर दी गई. ऐसा करने के लिए बतौर मंत्री मुझसे परमिशन नहीं ली गई.

इसके बाद दिल्ली के एलजी वीके सक्सेना ने दिल्ली पुलिस कमिश्नर से पानी की चोरी रोकने के लिए मुनक नहर पर कड़ी निगरानी रखने को कहा है. किसी ने भी अगर पानी की चोरी करने की कोशिश की, तो उसे गिरफ्तार करने का निर्देश है. एलजी ने एक हफ्ते में स्टेटस रिपोर्ट भी मांगी है.

Advertisement


आपको बता दें कि दिल्ली को प्रति दिन 1,300 मिलियन गैलन या MGD की जरूरत है. इसमें से दिल्ली जल बोर्ड सिर्फ अनुमानित 1000 MGD ही मुहैया करा पाता है. पानी की किल्लत को देखते हुए पूरे दिल्ली में बोरवेल खुदवाने पर बैन लगा है. लेकिन बवाना में 16000 से ज्यादा ऐसे प्लॉट्स हैं, जहां 1000 से 1200 यूनिट्स में बोरवेल हैं.

Featured Video Of The Day
Stubble Burning: Amritsar में MAXAR की तस्वीरों ने दिखाई पराली की असलियत, देखें Satellite Images