दिल्ली- हरियाणा जल विवाद : सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली को पानी की सप्लाई के निरीक्षण के लिए कमेटी का गठन किया

समिति इस बात पर भी गौर करेगी कि क्या दिल्ली अपना पानी कहीं ओर दे रही है. समिति की अध्यक्षता जल शक्ति मंत्रालय के सचिव करेंगे और इसमें हरियाणा, दिल्ली और केंद्र सरकार के सदस्य होंगे.

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दिल्ली जल बोर्ड ने दिल्ली में पानी की समस्या को लेकर सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल की है
नई दिल्ली:

दिल्ली- हरियाणा जल विवाद (Delhi-Haryana Water dispute) में सोमवार को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में सुनवाई हुई. अदालत ने दिल्ली को पानी की सप्लाई के निरीक्षण के लिए एक कमेटी का गठन किया जो तीन दिनों में अदालत को रिपोर्ट सौंपेगी. समिति हरियाणा द्वारा पल्ला में छोड़े गए पानी की गुणवत्ता और मात्रा की भी जांच करेगी. समिति इस बात पर भी गौर करेगी कि क्या दिल्ली अपना पानी कहीं ओर दे रही है. समिति की अध्यक्षता जल शक्ति मंत्रालय के सचिव करेंगे और इसमें हरियाणा, दिल्ली और केंद्र सरकार के सदस्य होंगे. शुक्रवार को फि‍र मामले की सुनवाई होगी. अदालत ने कहा कि यह पता लगाना आवश्यक है कि क्या हरियाणा और दिल्ली ने पर्याप्त जल आपूर्ति के बारे में यमुना निगरानी समिति की सिफारिशों का अनुपालन किया है जो अब केंद्रीय निगरानी समिति की अध्यक्षता में है. दरअसल जल बोर्ड (Delhi Jal Board) ने दिल्ली में पानी की समस्या को लेकर सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल की है. जल बोर्ड ने कहा है कि अमोनिया का स्तर अकल्पनीय स्तर पर चला गया है और पानी का ट्रीटमेंट संभव नहीं है.

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इसके अलावा हरियाणा की ओर से पानी की कम आपूर्ति कम की जा रही है. आज हम पूरी दिल्ली को बंद करने की कगार पर हैं. हरियाणा अनुपचारित पानी भेज रहा है और दिल्ली में रमज़ान और नवरात्रि जैसे दिल्ली में पानी की समस्या. दिल्ली जल बोर्ड चाहता है कि शीर्ष अदालत आज ही जल विवाद मामले की सुनवाई करे. दिल्ली में रमज़ान और नवरात्रि  जैसे त्योहारों और अस्पतालों में COVID उपचार के कारण पानी की अधिक आवश्यकता है. हरियाणा को दिल्ली में ट्रीटेड पानी छोड़ने के लिए आदेश दें.

दिल्ली सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि हरियाणा ने यमुना में अशोधित प्रदूषणकारी सामग्री के प्रवाह से अमोनिया का स्तर बढ़ने के मामले में कोई ठोस कदम नहीं उठाया है. दिल्ली सरकार ने हरियाणा सरकार और उसके सिंचाई तथा जल संसाधन विभाग के जवाब पर कोर्ट में जवाबी हलफनामा दाखिल किया. बता दें कि कोर्ट ने 26 मार्च को हरियाणा सरकार तथा अन्य को निर्देश दिया था कि दिल्ली को यमुना नदी के जल की आपूर्ति पर यथास्थिति बनाकर रखी जाए.

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इस तरह कोर्ट ने स्पष्ट कर दिया था कि राष्ट्रीय राजधानी को जल की आपूर्ति में कमी नहीं होनी चाहिए. इस साल जनवरी में सुप्रीम कोर्ट का रुख करने वाली आप सरकार ने दिल्ली जल बोर्ड के माध्यम से हरियाणा को ये निर्देश देने का अनुरोध किया है कि यमुना में अशोधित प्रदूषणकारी सामग्री और जल का प्रवाह रोका जाए तथा जल संकट से जूझ रही दिल्ली को पर्याप्त जल की आपूर्ति की जाए.

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