दिल्ली में यमुना नदी में तैरते जहरीले झाग की तस्वीरें और वीडियो बृहस्पतिवार को सोशल मीडिया पर वायरल होने के साथ इसके प्रदूषित होने से लोगों की चिंता बढ़ गयी है. विशेषज्ञों ने यमुना नदी में इस प्रदूषण के पीछे प्रमुख रूप से अशोधित सीवेज और डिटर्जेंट को जिम्मेदार ठहराया है. विशेषज्ञों के मुताबिक दिल्ली, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में रंगाई उद्योगों, धोबी घाटों और घरों में इस्तेमाल होने वाले डिटर्जेंट के कारण नदी में यह जहरीला झाग बना है. इसके कारण नदी के पानी में फॉस्फेट की मात्रा भी काफी बढ़ गयी है.
पिछले साल नवंबर में छठ पूजा समारोह के दौरान जहरीले झाग से लदी यमुना नदी में खड़े भक्तों की तस्वीरों ने पूरी दुनिया का ध्यान खींचा था.
कालिंदी कुंज तट पर जहरीले झाग को हटाने के लिए प्रदूषित नदी में नावों को तैनात करने के लिए दिल्ली सरकार को आलोचना का सामना करना पड़ा था.
अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को कहा कि जहरीले झाग की समस्या तब तक जारी रहेगी जब तक कि दिल्ली में सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट और कॉमन एफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट को नए मानकों को पूरा करने के लिए अपग्रेड नहीं किया जाता और सभी अनधिकृत कॉलोनियों को सीवर नेटवर्क से नहीं जोड़ा जाता.
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