तृणमूल कांग्रेस के 10 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने मंगलवार को दिल्ली में मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार से मुलाकात की. अभिषेक बनर्जी के नेतृत्व में पहुंचे इस डेलिगेशन ने बंगाल में SIR प्रक्रिया के दौरान वोटर लिस्ट में बड़े पैमाने पर हुई हेराफेरी की शिकायत की. बता दें चुनाव आयुक्त से टीएमसी की यह मुलाकात राज्य में होने वाले विधानसभा चुनाव से कुछ महीने पहले चल रही SIR प्रक्रिया को लेकर टीएमसी और बीजेपी नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के बीच बढ़ते टकराव के बीच हुई.
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चुनाव आयोग पर TMC का आरोप
बता दें कि टीएमसी बार-बार ये दावा कर रही है कि SIR अभियान का इस्तेमाल 'अपारदर्शी और सॉफ्टवेयर-आधारित तंत्र' के जरिए चुनिंदा रूप से वोटर्स को हटाने, उनका वर्गीकरण बदलने और उन्हें चिह्नित करने के लिए किया जा रहा है.
टीएमसी ने अपने लिखित जवाब में री वेरिफिकेशन प्रोसेस में 'संदिग्ध वोटर्स' और 'तार्किक विसंगतियां' जैसी नई और अस्पष्ट श्रेणियों को शामिल किए जाने पर आपत्ति जताई. उन्होंने तर्क दिया कि पहले की एसआईआर एक्ससाइज में ऐसी श्रेणियां मौजूद नहीं थीं. पार्टी ने चुनाव आयोग से मांग की है कि पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए 'तार्किक विसंगति सूची' सार्वजनिक की जाए.
वोटर लिस्ट हथियार के रूप में इस्तेमाल हो रही
ममता बनर्जी ने कहा कि अगर ऐसा नहीं हो रहा है तो 'तार्किक विसंगति' सूची जारी करें. पहले के एसआईआर में संदिग्ध सूची जैसी कोई चीज नहीं थी. उन्होंने आरोप लगाया कि चुनाव रिजल्ट्स को प्रभावित करने के लिए वोटर लिस्ट को हथियार के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है. उन्होंने दावा किया कि अपनी चिंताएं उन्होंने सीधे मुख्य चुनाव आयुक्त को बताईं हैं. ममता बनर्जी ने कहा, मैंने ज्ञानेश कुमार से स्पष्ट रूप से कहा था कि 'आप मतदाता सूचियों का हथियार के रूप में इस्तेमाल कर रहे हैं'.
विपक्षी दल ये कर पाते तो बीजेपी हार जाती
सीएम ममता बनर्जी ने इस मुद्दे को बंगाल से आगे बढ़ाते हुए आरोप लगाया कि अन्य राज्यों में विपक्षी दल समय रहते ऐसी समस्याओं को पहचानने में असफल रहे. कांग्रेस और आम आदमी जैसी पार्टियां महाराष्ट्र, दिल्ली, हरियाणा में इसे पकड़ नहीं पाईं. अगर ये दल इसे पकड़ लेते तो बीजेपी इन राज्यों में हार जाती. सीएम बनर्जी ने विपक्षी दलों के बीच बेहतर समन्वय का भी आह्वान किया.
डेलिगेशन की चिंताओं को नजरअंदाज किया
ममता बनर्जी से चुनाव आयोग संग बैठक को तनावपूर्ण बताते हुए आरोप लगाया कि डेलिगेशन की चिंताओं को नजरअंदाज कर दिया गया. सीएम बनर्जी ने कहा कि जब हम बात कर रहे थे तो उन्होंने उंगली उठाना शुरू कर दिया, बीच में ही टोकने लगे और अपना आपा खोने लगे. मैंने जवाब दिया, 'आप मनोनीत हैं और मैं निर्वाचित हूं.
बैठक की कार्रवाई सार्वजनिक करें
उन्होंने केंद्र पर संवैधानिक संस्थाओं को कमजोर करने का आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार व्हाट्सएप सर्कुलर पर चल रही है. ज्ञानेश कुमार को इस संस्था और हमारे देश को नष्ट करने के मिशन पर भेजा गया था." उन्होंने आरोप लगाते हुए चुनाव आयोग को सीसीटीवी फुटेज समेत बैठक की कार्रवाई सार्वजनिक करने की चुनौती भी दी.














