दिल्ली रिज में अवैध पेड़ों की कटाई मामले में सुप्रीम कोर्ट का बड़ा कदम. पेड़ों की कटाई को लेकर कोर्ट ने LG और डीडीए के पूर्व वीसी से ऑरिजिनल रिकॉर्ड की मांग की है. CJI ने LG के बयान पर जताया संदेह, उन्हों कहा कि पहली नजर में ये बयान सही नहीं कि LG को पेड़ों की कटाई की जानकारी दस जून को मिली. 10 जून को ही चेयरमैन को बताया गया कि वास्तविक कटाई 16 फरवरी को शुरू हुई थी
सीजीआई ने कहा कि इस पर और स्पष्टीकरण की आवश्यकता होगी. उन्होंने कहा कि हम डीडीए के पूर्व वीसी और डीडीए के अध्यक्ष ( LG) से हलफनामा भी मांगते हैं. उन्होंने कहा, हम यह भी निर्देश देते हैं कि सभी मूल रिकॉर्ड अदालतों के समक्ष पेश किए जाएं. सीजीआई ने कहा, हम उस विशिष्ट तारीख का स्पष्ट खुलासा करने का निर्देश देते हैं. जिस दिन उन्हें पेड़ों की कटाई के बारे में पता चला.
दिल्ली में पेड़ काटे जाने पर उपराज्यपाल और डीडीए और दिल्ली सरकार के बीच विवाद पर सुप्रीम कोर्ट का आदेश आया है . डीडीए के अधिकारियों ने 16 फरवरी 2024 लापरवाही और बड़ी गलती करते हुए पेड़ कटवाए. हमारे सामने सवाल था कि आखिर किसने इन पेड़ों को काटने की अनुमति दी?
पीठ ने डीडीए से पूरे मामले की फाइल तलब करते हुए दिल्ली विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष यानी उपराज्यपाल और डीडीए के पूर्व उपाध्यक्ष शुभाशीष पांडा को भी जवाबी हलफनामा अगले सोमवार तक दाखिल करने को कहा है. कोर्ट ये जानना चाहता है कि आखिर पेड़ काटने की प्रक्रिया कब, कहां, कैसे और किस किस की इजाजत से आगे बढ़ी. उपराज्यपाल जो डीडीए के चेयरपर्सन भी हैं उनके हलफनामे के बाद कोर्ट ने ये आदेश दिया है ताकि असलियत की तह तक पहुंचा जा सके.