दिल्ली पुलिस की वर्दी पर दिखाई देगा नया प्रतीक चिह्न, कमिश्नर राकेश अस्थाना ने जारी किए निर्देश

वर्दी पर दाहिने तरफ लाल व नीले रंग के मिश्रण वाले इस प्रतीक चिह्न में बीच में इंडिया गेट की तस्वीर है. प्रतीक चिह्न में ऊपर दिल्ली पुलिस व नीचे फॉर द नेशनल कैपिटल लिखा हुआ है.

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दिल्ली पुलिस कमिश्नर ने वर्दी से जुड़े नए दिशा-निर्देश जारी किए
नई दिल्ली:

दिल्ली पुलिस कमिश्नर राकेश अस्थाना (Rakesh Asthana) ने सोमवार को एक आदेश जारी करते हुए कहा कि दिल्ली पुलिस (Delhi Police) के सभी रैंक के अफसर व स्टाफ अब अपनी वर्दी पर दाहिने तरफ नेमप्लेट के ऊपर नए तरीके का प्रतीक चिह्न लगाएंगे. लाल व नीले रंग के मिश्रण वाले इस प्रतीक चिह्न में बीच में इंडिया गेट की तस्वीर है. प्रतीक चिह्न में ऊपर दिल्ली पुलिस व नीचे फॉर द नेशनल कैपिटल लिखा हुआ है. यह कढ़ाई व मेटल दो तरह के वर्जन में लॉन्च किया गया है. आदेश में कहा गया है कि 1954 में भारत के प्रथम राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद ने दिल्ली पुलिस को लाल व नीले रंग का प्रतीक चिह्न भेंटकर सम्मानित किया था. ऐसे में आवश्यक है कि हम अपने संगठन के उक्त विलक्षण सम्मान को याद रखें.

गौरतलब है कि  बॉलीवुड फिल्मों की क्लिप का इस्तेमाल करके मीम्स बनाने से लेकर इंस्टाग्राम रील के उपयोग तथा ऑनलाइन संवाद सत्र आयोजित करने तक, दिल्ली पुलिस जनता से जुड़ने, साइबर और वित्तीय अपराधों के बारे में जागरूकता फैलाने तथा अपनी नागरिक केंद्रित पहल को प्रदर्शित करने के वास्ते सोशल मीडिया का सहारा ले रही है. दिल्ली पुलिस आयुक्त राकेश अस्थाना ने गत 3 फरवरी को ट्विटर के जरिये राजधानीवासियों के साथ बातचीत की और उन्हें अन्य बातों के अलावा पुलिस द्वारा की गईं नई पहल के बारे में जानकारी दी. दिल्ली पुलिस ने 4 फरवरी को साइबर सुरक्षा को लेकर ‘आस्क मी एनीथिंग' (मुझसे कुछ भी पूछें) सत्र का लाइव आयोजन किया था. ‘वैलेंटाइन वीक' के प्रति युवाओं के जुनून को भुनाने के प्रयास के तहत दिल्ली पुलिस ने ‘प्रॉमिस डे' को लोगों से अपील की कि वे संकट की स्थिति में आपात नंबर 112 डायल करने का वादा करें.

इन सब प्रयासों के पीछे दिल्ली पुलिस का सोशल मीडिया केंद्र है, जिसकी निगरानी विशेष शाखा इकाई करती है. अधिकारियों ने बताया कि इस टीम में क्रिएटिव और तकनीकी पृष्ठभूमि के युवा हैं, जिनमें से किसी की भी उम्र 35 साल से अधिक नहीं है. अस्थाना ने बताया कि दिल्ली पुलिस उन लोगों को सूचित करना और उन्हें सशक्त बनाना जारी रखना चाहती है जिनकी वह सेवा करती है. सोशल मीडिया आज हमारे पास जनसंचार और जनसंपर्क के लिए सबसे महत्वपूर्ण उपकरणों में से एक है. हम इस अवसर को प्रभावी तरीके से भुनाने को लेकर खुश हैं. यह हमारे नागरिक केंद्रित दृष्टिकोण के अनुरूप है.''उन्होंने कहा, 'सोशल मीडिया न केवल भविष्य बल्कि सूचना प्रवाह का वर्तमान है। हमारे लिए, यह पुलिस को अंतिम बिंदु तक ले जाने और नागरिकों को हर रोज चौबीसों घंटे पहुंच प्रदान करने का एक तरीका है.'

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दिल्ली पुलिस के ट्विटर हैंडल पर 6,83,000 फॉलोअर्स हैं, जबकि इंस्टाग्राम हैंडल पर सिर्फ 4,011 फॉलोअर्स हैं. दिल्ली पुलिस द्वारा शुरू की गई विभिन्न सोशल मीडिया पहल में 'आस्क मी एनीथिंग' और लाइव ट्विटर सत्र और 'अपनी दिल्ली पुलिस को जानो' प्रश्नोत्तरी सत्र शामिल हैं. ऐसी ही एक और पहल है 'किस्सा खाकी का'. इसके तहत, पुलिसकर्मियों का मनोबल बढ़ाने और लोगों को उनके सामने आने वाली दैनिक चुनौतियों के बारे में बताने के लिए सोशल मीडिया पर 'दिल्ली पुलिस के बहादुरों' के बारे में कहानियां साझा की जाती हैं. (इनपुट्स भाषा से भी)

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