दिल्ली की आर्थिक अपराध शाखा ने आईएल एंड एफएस ट्रांसपोर्टेशन नेटवर्क लिमिटेड के प्रबंध निदेशक रामचंद करुणाकरण को धोखाधड़ी, जालसाजी और लगभग 100 करोड़ रुपये की ठगी के मामले में गिरफ्तार किया है.आर्थिक अपराध शाखा के एडिशनल कमिश्नर आर के सिंह के मुताबिक आशीष बेगवानी इंसो इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक आशीष बेगवानी ने शिकायत देकर बताया कि अगस्त, 2010 में आईएल एंड एफएस ट्रांसपोर्टेशन नेटवर्क्स के सभी निदेशकों रवि पार्थसारथी, हरि शंकरन, और रामचंद करुणाकरण ने उनसे निवेश के लिए संपर्क किया था.
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उनके लुभावने वादों के झांसे में आकर आशीष निवेश करने के लिए सहमत हो गए, उन्होंने 170 करोड़ रुपये का निवेश किया और उन्हें बताया गया आईएल एंड एफएस रेल लिमिटेड में उनकी 15 फीसदी हिस्सेदारी रहेगी,आशीष को बताया कि ये एक खास कंपनी है जो गुड़गांव रैपिड मेट्रो परियोजना से जुड़ी है. हालांकि आशीष को बाद में पता चला की कंपनी में कोई कारोबार नहीं हो रहा है और उनका पैसा फंस गया है,आईएल एंड एफएस रेल लिमिटेड ने अपने खर्च को बढ़ाने और अपने बहीखातों में कम लाभ दिखाने के लिए एक दूसरी कंपनी को फ़र्ज़ी कांट्रेक्ट ऑर्डर दिए.
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शिकायतकर्ता द्वारा यह आरोप लगाया गया है कि कथित कंपनी आईएल एंड एफएस रेल लिमिटेड के निदेशकों और कंपनी के अन्य अधिकारियों ने जानबूझकर कंपनी के फंड में लगभग 70 करोड़ रुपये निकाल लिए. इससे शिकायतकर्ता की कंपनी को नुकसान हुआ.जांच के दौरान यह पाया गया कि आरोपी व्यक्तियों ने बिना कोई काम किए कई कंपनियों को भुगतान किया था. आरोपित कंपनियों को दिए गए ठेके के बारे में आरोपी व्यक्ति कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे सके.
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किसी भी ठेकेदार का नाम और पता नहीं दिया गया था, पैसे के खर्चे कोई हिसाब नहीं था। कई सेल कंपनियों के माध्यम से पैसा भेजा गया था.हाईकोर्ट ने 15 दिसम्बर 2020 को आरोपी रामचंद करुणाकरण की अग्रिम जमानत खारिज कर दी है. आरोपी रामचंद करुणाकरण, जो आईएल एंड एफएस रेल लिमिटेड के निदेशकों में से एक थे और आईएल एंड एफएस ट्रांसपोर्टेशन नेटवर्क लिमिटेड के प्रबंध निदेशक भी थे को मुंबई में 20 जुलाई को गिरफ्तार कर लिया गया.
आरोपी रामचंद करुणाकरण 1994 में आईएल एंड एफएस लिमिटेड में उपाध्यक्ष के रूप में शामिल हुए और उन्हें 2008 में आईएल एंड एफएस ट्रांसपोर्टेशन नेटवर्क लिमिटेड के प्रबंध निदेशक के रूप में नियुक्त किया गया था.