मोहम्मद जुबैर की जमानत अर्जी खारिज़, 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा, ऑर्डर हुआ था लीक

Mohammad Zubair Bail : दिल्ली पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी केपीएस मल्होत्रा ने जुबैर की न्यायिक हिरासत के बारे में मीडियाकर्मियों को गलत सूचित करने की बात स्वीकार की है.

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Mohammad Zubair : मोहम्मद जुबैर धार्मिक भावनाओं को आहत करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था.

नई दिल्ली:

मोहम्‍मद जुबैर (Mohammed Zubair) की जमानत याचिका खारिज दिल्ली की एक अदालत ने शनिवार को खारिज कर दी. उन्हें 14 दिन के लिए न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है. इससे पहले जुबैर के वकील ने दिल्ली पुलिस (Delhi Police) ने उनके बेल ऑर्डर को लीक करने का आरोप लगाया है. वहीं दिल्ली पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी केपीएस मल्होत्रा ने शनिवार को मीडिया से गलत सूचना साझा करने की बात स्वीकार की है. दिल्ली के पटियाला कोर्ट ने फैक्ट चेकर मोहम्‍मद जुबैर की जमानत याचिका पर अभी आधिकारिक फैसला आना बाकी है. बता दें कि दिल्ली पुलिस ने जुबैर के खिलाफ FIR में आपराधिक षडयंत्र और सबूत नष्ट करने के नए आरोप जोड़े हैं. शनिवार को दिल्ली पुलिस ने उन्हे कोर्ट में पेश किया. इस दौरान पुलिस ने कहा कि हमने मोबाइल फोन जब्त किया है और हार्ड डिस्क भी बरामद किया है. पेशी के दौरान पुलिस ने जुबैर को 14 दिन के न्यायिक हिरासत में भेजने की मांग की थी. वहीं, जुबैर के खिलाफ दर्ज एफआईआर में आईपीसी की और धाराएं जोड़ी हैं.

दिल्ली पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी केपीएस मल्होत्रा ने पहले बताया था कि ऑल्ट न्यूज के सह-संस्थापक मोहम्मद जुबैर को 2018 में उनके द्वारा पोस्ट किए गए “आपत्तिजनक ट्वीट” पर 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा गया है. दिल्ली पुलिस की विशेष इकाई इंटेलीजेंस फ्यूजन एंड स्ट्रैटजिक ऑपरेशंस (आईएफएसओ) के उपायुक्त ने इससे पहले दिन में बताया था कि जुबैर की जमानत याचिका यहां अदालत द्वारा खारिज कर दी गई है और उन्हें न्यायिक हिरासत में भेजा गया है. 

हालांकि जुबैर के वकील सौतिक बनर्जी ने हालांकि कहा कि अदालत द्वारा अब तक कोई आदेश नहीं दिया गया है. 

उन्होंने कहा, “यह अत्यंत निंदनीय है और यह आज हमारे देश में कानून के शासन की स्थिति बयां करता है. यहां तक कि न्यायिक मजिस्ट्रेट के बैठने और आदेश सुनाने से पहले ही पुलिस ने आदेश को मीडिया में लीक कर दिया है.”

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आरोप के बाद मल्होत्रा ने जुबैर की न्यायिक हिरासत के बारे में मीडियाकर्मियों को गलत सूचित करने की बात स्वीकार की. उन्होंने कहा, “मैंने अपने जांच अधिकारी (आईओ) से बात की, मैंने शोर के कारण गलत सुन लिया और अनजाने में संदेश प्रसारित हो गया.”

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जुबैर ने जमानत के लिए अर्जी लगाई

जानकारी अनुसार आपराधिक साजिश और सबूत नष्ट करने की धाराओं को एफसीआरए की धारा-35 के साथ एफआईआर में जोड़ा गया है. पूरे मामले में ईडी मनी लॉन्ड्रिंग की जांच कर सकती है. दिल्ली पुलिस सूत्रों के अनुसार रेजरपे पेमेंट गेटवे से प्राप्त जानकारी से पता चलता है कि फैक्ट चेकर से संबंधित विभिन्न लेनदेन हैं, जिसमें या तो फोन नंबर भारत से बाहर का है या आईपी पता बैंकॉक, पश्चिमी, ऑस्ट्रेलिया, मनामा सहित विदेशों का है. विभिन्न माध्यमों से कुल मिलाकर लगभग 2,31,933/- रुपये ''प्रावदा मीडिया'' को प्राप्त हुए हैं.

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साथ ही सोशल मीडिया विश्लेषण के दौरान, यह देखा गया कि जिन ट्विटर हैंडल ने मोहम्मद जुबैर का समर्थन किया था और उनकी गिरफ्तारी के बाद उनके समर्थन में ट्वीट किया, वे ज्यादातर मध्य पूर्वी देशों जैसे संयुक्त अरब अमीरात, बहरीन, कुवैत और पाकिस्तान जैसे देशों से थे.

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बेंगलुरु स्थित आवास की ली थी तलाशी

बता दें कि दिल्ली पुलिस की चार सदस्यीय टीम ने गुरुवार दोपहर को ऑल्ट न्यूज़ (Alt News) के सह संस्थापक मोहम्मद ज़ुबैर (Mohd Zubair) के बेंगलुरु (Bengaluru) स्थित आवास पर लगभग तीन घंटे तक तलाशी ली थी. पुलिस की टीम ने कवल बायरासांद्रा के पास उनके आवास की पहली मंज़िल और भूतल की तलाशी ली थी और जाते समय दिल्ली पुलिस की टीम का एक सदस्य हाथ में लैपटॉप बैग लिए नज़र आया थी. बेंगलुरु पुलिस ने तलाशी अभियान में अपने दिल्ली समकक्षों की सहायता की थी.

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