दिल्ली के एम्स (Delhi Aiims) में खरीदारी घोटाले के मामले में दिल्ली की आर्थिक अपराध शाखा ने एक निजी फर्म की मालकिन को गिरफ्तार किया है. पुलिस के मुताबिक ये घोटाला करीब 13.80 करोड़ रुपये का है. आर्थिक अपराध शाखा के एडिशनल सीपी आर के सिंह के मुताबिक आरोपी 59 साल की स्नेह रानी गुप्ता है, जिसे उसके पीतमपुरा के घर से गिरफ्तार किया गया. राजेंद्र प्रसाद आई सेंटर, एम्स, दिल्ली के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. अनूप डागा ने धोखाधड़ी को लेकर शिकायत दर्ज कराई थी.
उनका आरोप है कि लिनेन के सामान की खरीद जाली सप्लाई के आदेशों के जरिये की गई. जबकि, लिनेन के सामान की सप्लाई भी नहीं हुई. इसके एवज में सप्लायर फर्म स्नेह एंटरप्राइजेज को करोड़ो का भुगतान किया गया. मामले की जांच में पता चला कि लिनेन के सामान आदि जिनके लिए फर्म को भुगतान जारी किया गया था, वह सामान एम्स में नहीं पहुंचाया गया. फर्म के बैंक अकॉउंट से सामान के लिए रकम की भुगतान का पता चला. ई-वे बिल की जांच से धोखाधड़ी की बात सामने आई. ई-वे बिल पर लिखी किसी भी तारीख पर एम्स दिल्ली में सामान डिलीवर नहीं किया गया.
ई-वे बिल पर दिखाई देने वाले वाहनों के जीपीएस लॉग की जांच से पता चला कि उनका लोकेशन दिल्ली से बाहर है. यह फर्म कई सालों से एम्स के साथ काम कर रही थी. इस तरह की सप्लाई को लेकर एम्स में रखे गए सभी मैनुअल और डिजिटल रिकॉर्ड से एम्स के कर्मचारियों की मिलीभगत की भी बात सामने आई है.
जांच के दौरान पता चला कि आरोपी ने एम्स दिल्ली के कर्मचारियों की मिलीभगत से जाली सप्लाई ऑर्डर हासिल किया था. जनरल स्टोर के रजिस्टरों में माल की रसीद नहीं मिली. एम्स के कर्मचारियों ने उस विभाग के अधिकारियों को बताए बिना इस फर्जीवाड़े को अंजाम दिया. इस तरह सरकारी खजाने को कुल 13.80 करोड़ का चूना लगाया गया.