लोकसभा चुनाव के छठे चरण में दिल्ली की सात संसदीय सीट पर मतदान जारी है. इस बार आम चुनाव कांग्रेस और खासतौर पर गांधी परिवार के लिए बेहद खास है. दरअसल ये पहली बार है जब आम चुनाव में गांधी परिवार ने अपनी पार्टी यानी कांग्रेस के लिए मतदान नहीं किया होगा. सोनिया गांधी, प्रियंका गांधी और राहुल गांधी दिल्ली के मतदाता है और नई दिल्ली लोकसभा सीट पर अपने मताधिकार का इस्तेमाल करते आए हैं.
बीते कई आम चुनाव से कांग्रेस इस सीट से अपने उम्मीदवार को मैदान में उतारती रही है. लेकिन इस बार ऐसा नहीं है. विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया' (इंडियन नेशनल डेवलेपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस) के सहयोगी आम आदमी पार्टी (आप) और कांग्रेस दिल्ली में मिलकर चुनाव लड़ रहे हैं.
ये दिल्ली में पहला ऐसा लोकसभा चुनाव है जिसमें ‘आप' और कांग्रेस ने भाजपा के खिलाफ संयुक्त उम्मीदवार उतारे हैं.
कांग्रेस तीन सीटों पर लड़ रही चुनाव
सीट बंटवारे की व्यवस्था के तहत ‘आप' चार और कांग्रेस तीन सीट पर चुनाव लड़ रही है. कांग्रेस और आप में जो सीटों का बंटवारा हुआ है. उसके तहत नई दिल्ली सीट आम आदमी पार्टी के पास है.
आम आदमी पार्टी ने इस सीट से सोमनाथ भारती को उम्मीदवार बनाया है. गठबंधन होने की वजह से नई दिल्ली लोकसभा सीट से कांग्रेस ने अपना उम्मदीवार नहीं उतारा है.
भाजपा ने 2014 और 2019 के आम चुनावों में दिल्ली की सभी सात सीट भारी अंतर से जीती थीं और उसका लगातार तीसरी बार सभी सीट पर जीत दर्ज करने का लक्ष्य है.
भाजपा ने उत्तर पूर्वी दिल्ली से मनोज तिवारी को प्रत्याशी बनाया है. वह दिल्ली से एकमात्र मौजूदा सांसद हैं जिन्हें पार्टी ने दोबारा मैदान में उतारा है. इसके अलावा पार्टी ने दक्षिणी दिल्ली से रामवीर सिंह बिधूड़ी, नई दिल्ली से बांसुरी स्वराज, पूर्वी दिल्ली से हर्ष दीप मल्होत्रा, उत्तर पश्चिम दिल्ली से योगेन्द्र चंदोलिया, चांदनी चौक से प्रवीण खंडेलवाल और पश्चिमी दिल्ली से कमलजीत सहरावत को उम्मीदवार बनाया है. (भाषा इनपुट के साथ)
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