दिल्ली के उप राज्यपाल विनय कुमार सक्सेना (LG Vinai Kumar Saxena) गुरुवार से यमुना सफाई के लिए एक गहन सफाई कार्यक्रम लांच करेंगे. यह सफाई कार्यक्रम यमुना फ्लडप्लेन पर होगा और इसमें अलग-अलग क्षेत्रों की दिग्गज हस्तियां शामिल होंगी. इस दौरान एलजी 94 सदस्यीय टेरिटोरियल आर्मी का खाका तैयार करेंगे. इस टेरिटोरियल आर्मी का काम यमुना को प्रदूषित करने वाले कच्चे नालों और छोटे नालों पर नजर रखना और उन पर कार्रवाई करना होगा. गौरतलब है कि नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल यानी NGT ने 9 जनवरी को यमुना सफाई के लिए एक हाई लेवल कमेटी बनाई थी जिसकी अध्यक्षता उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना से करने को कहा गया था. इस कमेटी में दिल्ली सरकार, केंद्र सरकार, नगर निगम के सभी अहम और संबंधित विभागों के विभागाध्यक्ष सदस्य बनाये गए थे. इस कमेटी की अब तक दो बैठक हो चुकी हैं, जिसके बाद अब गुरुवार को उप राज्यपाल फ्लडप्लेन पर गहन सफाई कार्यक्रम शुरू करने जा रहे हैं.
गौरतलब है कि यमुना में प्रदूषण का मुद्दा दिल्ली में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी और विपक्षी पार्टी बीजेपी के बीच तकरार का विषय बनता रहा है. दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी ने पिछले माह यमुना के प्रदूषण का मुद्दा सदन में उठाकर चर्चा की मांग की थी. बीजेपी विधायक ने सदन में बोतल में बंद यमुना का दूषित पानी भी दिखाया था.
इससे पहले, पिछले वर्ष सितंबर माह में राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने दिल्ली के मुख्य सचिव को इस बात पर सफाई देने का निर्देश दिया था कि यमुना में प्रदूषक बहाने पर रोक लगाने और नदी के पानी की गुणवत्ता की सुरक्षा करने में प्रशासन की ‘खुल्लमखुल्ला विफलता' पर क्यों न दंडात्मक कार्रवाई की जाए. नदी में प्रदूषण के नियंत्रण के लिए उठाये गये कदमों पर असंतोष प्रकट करते हुए एनजीटी अध्यक्ष न्यायमूर्ति एके गोयल की अगुवाई वाली पीठ ने कहा था कि यह चिंता की बात है कि यमुना पुनरोद्धार का स्पष्ट खाका होने के बाद भी प्रशासन उसे साफ नहीं रख पाया. एनजीटी ने यमुना नदी में प्रदूषण के खिलाफ दिल्ली निवासी इशिका की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह टिप्पणी की थी. याचिकाकर्ता ने मीडिया की इस खबर का हवाला दिया है कि यमुना नदी में प्रदूषण और बढ़ गया है.
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