दिल्ली उच्च न्यायालय कथित आबकारी नीति घोटाले से जुड़े धन शोधन मामले में अपनी गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) की याचिका पर आज फैसला सुनाएगा. अदालत में सुनवाई की शुरुआत हो गयी है.केजरीवाल ने अपनी गिरफ्तारी के अलावा प्रवर्तन निदेशालय की हिरासत में भेजे जाने को भी चुनौती दी है. ईडी की हिरासत के बाद केजरीवाल को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया और वर्तमान में वह तिहाड़ जेल में बंद हैं.
आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक ने एजेंसी द्वारा उनकी गिरफ्तारी के ‘‘समय'' पर सवाल उठाया है और कहा है कि यह लोकतंत्र, निष्पक्ष चुनाव और समान अवसर सहित संविधान की बुनियादी संरचना का उल्लंघन है. ईडी ने याचिका का विरोध किया और दलील दी कि केजरीवाल चुनाव के आधार पर गिरफ्तारी से ‘‘छूट'' का दावा नहीं कर सकते क्योंकि कानून उन पर और किसी भी आम नागरिक पर समान रूप से लागू होता है.
"राष्ट्रपति शासन लागू करने की कोशिश": आप
आम आदमी पार्टी (आप) के विधायकों ने दिल्ली विधानसभा में सोमवार को आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) राष्ट्रीय राजधानी में राष्ट्रपति शासन लागू करने की कोशिश कर रही है.
21 मार्च को हुई थी केजरीवाल की गिरफ्तारी
केजरीवाल को 21 मार्च को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा उनकी सरकार की आबकारी नीति (जो अब रद्द हो चुकी है) से जुड़े धन शोधन मामले में गिरफ्तार किया गया था. ईडी की हिरासत की अवधि समाप्त होने पर निचली अदालत में पेश किए जाने के बाद आप नेता को एक अप्रैल को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था. वह 15 अप्रैल तक न्यायिक हिरासत में हैं.
यह मामला 2021-22 के लिए दिल्ली सरकार की आबकारी नीति को तैयार करने और क्रियान्वित करने में कथित भ्रष्टाचार और धन शोधन से संबंधित है. यह नीति रद्द की जा चुकी है.
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