मनी लॉन्ड्रिंग केस: M3M के निदेशकों की गिरफ्तारी में दखल देने से दिल्ली हाईकोर्ट का इनकार

M3M के निदेशकों की गिरफ्तारी के खिलाफ मुख्य याचिका पर ईडी को नोटिस जारी कर 10 दिन में जवाब दाखिल करने को कहा गया है. दिल्ली हाईकोर्ट में मामले की अगली सुनवाई जुलाई में होगी.

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नई दिल्ली:

दिल्ली हाईकोर्ट ने एक पूर्व जज और अन्य के खिलाफ कथित रिश्वत मामले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में गुरुग्राम के रियल्टी समूह M3M के निदेशकों बसंत बंसल और पंकज बंसल की गिरफ्तारी में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया है. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा बुधवार को गिरफ्तार किये गये और पंचकूला की एक विशेष अदालत द्वारा पांच दिन की हिरासत में भेजे गये M3M निदेशकों ने दलील दी कि उनकी गिरफ्तारी से हाईकोर्ट के उस आदेश की अनदेखी की गई है, जिसमें उन्हें मनी लॉन्ड्रिंग के एक अन्य मामले में किसी कठोर कार्रवाई से संरक्षण प्रदान किया गया था.

दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि ईडी हिरासत में भेजने के निचली अदालत के फैसले की समीक्षा नहीं कर सकता है, क्योंकि यह उसके अधिकार क्षेत्र से बाहर का मामला है. दिल्ली हाईकोर्ट ने याचिककर्ताओं को पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट जाने की सलाह दी.

निदेशकों की गिरफ्तारी के खिलाफ मुख्य याचिका पर ईडी को नोटिस जारी कर 10 दिन में जवाब दाखिल करने को कहा गया है. दिल्ली हाईकोर्ट में मामले की अगली सुनवाई जुलाई में होगी. पंचकूला की विशेष अदालत ने M3M के निदेशकों को पांच दिन की ED हिरासत में भेजा है.

अदालत ने कहा, ‘‘हम नोटिस जारी करेंगे. मेरा क्षेत्राधिकार क्षेत्र मुझे प्रतिबंधित करता है. मैं यह नहीं कह सकता कि यह आदेश सही नहीं है.''

वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी, एन हरिहरन और मोहित माथुर याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश हुए और दलील दी कि एम3एम निदेशकों को तब गिरफ्तार किया गया था जब वे हाईकोर्ट के आदेश के मद्देनजर मनी लॉन्ड्रिंग के एक अन्य मामले में जांच में सहयोग करने के लिए एजेंसी के कार्यालय गए थे.

हाईकोर्ट ने नौ जून को रियल एस्टेट फर्म आईआरईओ से जुड़े धनशोधन मामले में बसंत बंसल और पंकज बंसल को पांच जुलाई तक गिरफ्तारी से अंतरिम संरक्षण दिया था.

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