डेयरी कॉलोनियों में अवैध ऑक्सीटोसिन के इस्तेमाल पर दिल्ली हाई कोर्ट सख्त, ये निर्देश जारी

दिल्ली हाई कोर्ट में दायर याचिका में सार्वजनिक स्वास्थ्य की सुरक्षा और पशु क्रूरता को रोकने के लिए पर्याप्त बुनियादी ढांचे और साफ जगहों पर डेयरियों को स्थानांतरित (Dairy Colonies) करने की जरूरत की तरफ इशारा किया गया था. वहीं अदालत ने लैंडफिल साइटों के पास मौजूद डेयरियों पर चिंता जताई.

विज्ञापन
Read Time: 3 mins
डेयरी कॉलोनियों में अवैध ऑक्सीटोसिन के इस्तेमाल पर दिल्ली हाई कोर्ट सख्त.
नई दिल्ली:

दिल्ली की डेयरी कॉलोनियों में अवैध ऑक्सीटोसिन (Spurious Oxytocin) के इस्तेमाल पर दिल्ली हाई कोर्ट (Delhi High Court) ने चिंता जाहिर की है. अदालत ने पशु क्रूरता और सार्वजनिक स्वास्थ्य संबंधी चिंताओं को दूर करने की जरूरतों पर जोर दिया. कोर्ट ने राष्ट्रीय राजधानी की सभी डेयरी कॉलोनियों में अवैध ऑक्सीटोसिन हार्मोन के इस्तेमाल से निपटने के लिए निर्देश जारी किए.

पशुओं को ऑक्सीटोसिन लगाए जाने पर दिल्ली हाई कोर्ट सख्त

दिल्ली हाई कोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनमोहन और जस्टिस मनमीत पी.एस अरोड़ा की बेंच ने फैसला सुनाते हुए कहा कि प्रोपर ऑथराइजेशन के बिना ऑक्सीटोसिन देना संबंधित कानून के तहत अपराध है. दिल्ली हाई कोर्ट ने यह टिप्पणी राजधानी की डेयरी कॉलोनियों में विभिन्न कानूनों के उल्लंघन का आरोप लगाने वाली याचिका पर सुनवाई के दौरान की. यह याचिका सुनैना सिब्बल, अशर जेसुडोस और अक्षिता कुकरेजा ने दायर की थी.

अदालत ने ड्रग कंट्रोल विभाग और जीएनसीटीडी को नियमित निरीक्षण करने और यह सुनिश्चित करने के लिए कहा कि अवैध ऑक्सीटोसिन के इस्तेमाल के मामले में कानून के तहत मामला दर्ज किया जाए. इसके अलावा कोर्ट ने दिल्ली पुलिस के खुफिया विभाग को ऑक्सीटोसिन के सोर्सेज की पहचान करने और अपराधियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने का काम भी सौंपा. 

डेयरियों के रीलोकेशन की जरूरत पर जोर

याचिका में सार्वजनिक स्वास्थ्य की सुरक्षा और पशु क्रूरता को रोकने के लिए पर्याप्त बुनियादी ढांचे और साफ जगहों पर डेयरियों को स्थानांतरित करने की जरूरत की तरफ इशारा किया गया था. वहीं अदालत ने लैंडफिल साइटों के पास मौजूद डेयरियों पर चिंता जताते हुए, दूषित फ़ीड और दूध से पैदा होने वाले संभावित स्वास्थ्य खतरों की वजह डेयरियों को स्थानांतरित करने की तत्काल जरूरत पर जोर दिया.

रीलोकेशन की जरूरत को स्वीकार करते हुए, अदालत ने संबंधित अधिकारियों के साथ आगे के परामर्श तक बाध्यकारी निर्देश जारी नहीं किए. अदालत ने नगर निकायों, पशु चिकित्सा विभागों और खाद्य सुरक्षा अधिकारियों के प्रमुख अधिकारियों को 8 मई की कार्यवाही में शामिल होने का भी निर्देश दिया. साथ ही अदालत ने अधिकारियों को उपयुक्त पुनर्वास स्थलों की खोज करने और दिल्ली में डेयरी संचालन से जुड़े जटिल मुद्दों के समाधान के लिए समन्वय की कोशिश का काम भी सौंपा. 


ये भी पढ़ें-'NDTV इलेक्शन कार्निवल' पहुंचा कर्नाटक, क्या इस बार भी होगी BJP की विजय या कांग्रेस करेगी वापसी?

Advertisement

ये भी पढ़ें-"वह पहली बार अमेठी से नहीं भागे": स्मृति ईरानी ने राहुल गांधी पर साधा निशाना

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
Featured Video Of The Day
Bulldozer Action शुरू, Anti Romeo Squad तैयार..Bihar में 400 माफिया और 1300 Criminals अब नहीं बचेंगे