दिल्ली में राशन की डोर स्टेप डिलीवरी का मामला अब सुप्रीम कोर्ट में पहुंच गया है. केंद्र और दिल्ली सरकार के बीच विवाद पर 15 नवंबर को कोर्ट सुनवाई करेगा. इस मामले में SG तुषार मेहता ने कहा है कि उन्हें कल ही 200 पन्नों की एक रिपोर्ट मिली है. बता दें कि दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले को केंद्र ने चुनौती दी है.
अपनी याचिका में केंद्र ने कहा है कि यह राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के उल्लंघन में एक समानांतर PDS चलाने का प्रयास है, जिसका लाभार्थियों पर हानिकारक प्रभाव पड़ रहा है. अपनी याचिका में केंद्र ने कहा है कि यह राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के उल्लंघन में एक समानांतर PDS चलाने का प्रयास है जिसका लाभार्थियों पर हानिकारक प्रभाव पड़ रहा है.
राशन की डोर स्टेप डिलीवरी के मामले में सुप्रीम कोर्ट में केंद्र और दिल्ली सरकार आमने-सामने
केंद्र ने आप सरकार पर राशन की दुकानों पर ePOS मशीनें लगाने और 'एक राष्ट्र एक राशन कार्ड' योजना को लागू करने में विफल रहने का आरोप लगाया है. केंद्र का कहना है कि दिल्ली सरकार अब इन मामलों में अपनी विफलताओं को छिपाने के लिए NFSA के उल्लंघन में एक नई योजना शुरू करने का प्रयास कर रही है. दरअसल दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली सरकार की लोगों को घर में राशन पहुंचाने की योजना को मंजूरी दी थी.