दिल्ली पुलिस आयुक्त के रूप में राकेश अस्थाना की नियुक्ति को चुनौती देने वाली अर्ज़ी हाईकोर्ट में खारिज

याचिका में कहा गया था कि अस्थाना का अपेक्षित न्यूनतम कार्यकाल छह महीने नहीं था, इसलिए उनकी नियुक्ति के लिए UPSC का कोई पैनल नहीं बनाया गया.  साथ ही न्यूनतम दो साल के कार्यकाल के मानक को नजरअंदाज किया गया. इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने अस्थाना की नियुक्ति पर याचिका पर  दो हफ्ते में फैसला करने को कहा था.

विज्ञापन
Read Time: 6 mins
Rakesh Asthana ने ऐसी याचिका को दुर्भावनापूर्ण करार दिया था
नई दिल्ली:

दिल्ली पुलिस आयुक्त के रूप में राकेश अस्थाना (Rakesh Asthana) की नियुक्ति को चुनौती देने वाली अर्ज़ी दिल्ली हाईकोर्ट ने खारिज कर दी है. दिल्ली पुलिस कमिश्नर राकेश अस्थाना (Delhi Police Commissioner) की नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिका पर हाईकोर्ट (Delhi High Court) ने इससे पहले केंद्र को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था. एक एनजीओ  ने उनकी नियुक्ति को चुनौती दी थी.  गैर सरकारी संगठन सेंटर फॉर पब्लिक इंटरेस्ट लिटिगेशन (CPIL) ने राकेश अस्थाना की नियुक्ति को चुनौती देते हुए हस्तक्षेप याचिका दाखिल की थी. 

राकेश अस्‍थाना की पुलिस कमिश्‍नर के तौर पर नियुक्ति के खिलाफ दिल्‍ली विधानसभा ने किया प्रस्‍ताव पारित

याचिका में कहा गया था कि अस्थाना का अपेक्षित न्यूनतम कार्यकाल छह महीने नहीं था, इसलिए उनकी नियुक्ति के लिए UPSC का कोई पैनल नहीं बनाया गया.  साथ ही न्यूनतम दो साल के कार्यकाल के मानक को नजरअंदाज किया गया. इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने अस्थाना की नियुक्ति पर याचिका पर  दो हफ्ते में फैसला करने को कहा था.

दिल्ली पुलिस कमिश्नर और गुजरात कैडर के आईपीएस राकेश अस्थाना ने दिल्ली हाईकोर्ट में हलफनामा दाखिल करते हुए कहा था कि सोशल मीडिया पर उनके खिलाफ दुष्प्रचार फैलाया जा रहा है. दिल्ली पुलिस कमिश्नर के तौर पर उनकी नियुक्ति को चुनौती कानूनी कार्यवाही का गलत इस्तेमाल है और इसके पीछे बदले की भावना है. हलफनामे में अस्थाना ने कहा था कि जब से उन्हें सीबीआई का विशेष निदेशक बनाया गया था, तभी से कुछ संगठन उन्हें निशाना बनाकर उनके याचिकाएं दायर कर रहे हैं.

राकेश अस्‍थाना को उनकी सेवानिवृत्ति से कुछ दिन पहले दिल्‍ली का पुलिस कमिश्नर बनाया गया था.  वहीं दिल्ली विधानसभा (Delhi Assembly) में अस्‍थाना की पुलिस कमिश्‍नर के तौर पर नियुक्ति के खिलाफ बाकयदा प्रस्‍ताव पारित किया था और केंद्र सरकार से इस नियुक्ति को वापस लेने को कहा था.

आम आदमी पार्टीने कहा था, 'यह नियुक्ति सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवमानना है. सुप्रीम कोर्ट ने भी कहा है कि डीजीपी स्तर पर किसी की नियुक्ति होनी है, तो उनकी सेवानिवृत्ति में कम से कम 6 महीने का वक्त होना चाहिए. राकेश अस्थाना को बालाजी श्रीवास्तव की जगह कमिश्नर बनाया गया था.  

रात के 2 बजे CBI चीफ को हटाना असंवैधानिक: राहुल गांधी

Featured Video Of The Day
America में Khalistani आतंकियों का काल बनेंगे Trump, Hindu नेता ने क्या बताया