Delhi GTB Hospital Firing: राजधानी दिल्ली के जीटीबी अस्पताल के एक वार्ड के अंदर एक अज्ञात व्यक्ति ने 32 वर्षीय एक मरीज की गोली मारकर हत्या कर दी. पुलिस के अनुसार, पीड़ित रियाजुद्दीन को 23 जून को अस्पताल में भर्ती कराया गया था और उसका पेट में संक्रमण का उपचार किया जा रहा था. यह घटना अस्पताल के वार्ड नंबर 24 में हुई. गोली लगने से घायल हुए रियाजुद्दीन की बाद में मौत हो गई. वहीं मृतक की पत्नी ने अब दावा किया कि उसके पति गलत पहचान का शिकार हुए हैं.
मृतक की पत्नी ने बताया, "मैं कल अपने पति से मिली थी. जब मैं अस्पताल पहुंची तो मुझे पता चला कि उन्हें गोली मार दी गई है. वे किसी और को मारने आए थे, लेकिन गलती से मेरे पति को गोली मार दी." उन्होंने कहा, "दूसरे वार्ड में भर्ती एक व्यक्ति को धमकियां दी गई थीं और ऐसा लगता है कि हमलावर उसे मारना चाहते थे, लेकिन उन्होंने मेरे पति को गोली मार दी."
बताया जा रहा है कि आरोपी वासमी नाम के एक मरीज को मारने आया था. जो कि जून महीने में गोली लगने के बाद अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती है. उसे वार्ड नंबर 24 में रखा गया था. मृतक के भाई के अनुसार हाल ही में वासमी को दूसरे वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया था. पुलिस इस मामले की हर पहलू से जांच कर रही है.
कौन था वासमी
पुलिस जांच में पता चला है कि वासमी और उसके साथी आसिफ को 12 जून को शांति चौक पर गोली मारी गई थी. ये दोनों बाइक पर सवार थे. वासमी पर 17 केस हैं और वो हासीम बाबा गैंग का सदस्य होने का दावा करता है.
पुलिस उपायुक्त (शाहदरा) सुरेंद्र चौधरी ने बताया, "वार्ड नंबर 24 में हुई घटना के बारे में जीटीबी एन्क्लेव पुलिस थाने में एक पीसीआर कॉल आयी थी." उन्होंने बताया, "मौके पर पहुंचने पर पुलिस को पता चला कि रियाजुद्दीन नामक एक मरीज घायल हुआ है. बाद में चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया."
18 साल के युवक ने चलाई गोलियां
अधिकारी ने बताया कि शाम को करीब 4 बजे 18 वर्षीय एक युवक वार्ड में आया था और रियाजुद्दीन पर गोली चला दी. इस दौरान 20 लोग वहां मौजूद थे. डीसीपी ने कहा, "मामला दर्ज किया जा रहा है और हमलावर को पकड़ने के लिए टीम गठित की गई हैं." पुलिस को शक है कि इस हत्याकांड के पीछे 3 से 4 लोग शामिल हो सकते हैं.
अस्पताल के एक अधिकारी ने बताया कि कुछ लोगों ने 'वार्ड' में घुसकर डॉक्टर को धक्का दिया, मरीज को गोली मारकर भाग गए. जीटीबी अस्पताल की ओर से जारी एक आधिकारिक बयान में कहा गया, "इस घटना में कोई अन्य घायल नहीं हुआ. ड्यूटी पर तैनात मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) द्वारा सूचना दिए जाने के बाद जीटीबी एन्क्लेव के थाना प्रभारी, सहायक पुलिस आयुक्त और अपराध शाखा के अधिकारी घटनास्थल पर पहुंचे."
ड्यूटी पर मौजूद एक नर्स ने नाम न बताने की शर्त पर बताया कि किशोर दोपहर तीन बजकर 59 मिनट पर वार्ड में दाखिल हुआ और उसने सभी से शांत रहने तथा शोर न मचाने को कहा. उन्होंने कहा, "उसने अपने पीछे छिपाई हुई पिस्तौल निकाली और मरीज को गोली मार दी और भाग गया." गोली की आवाज़ सुनकर वार्ड के बाहर भीड़ जमा हो गई और उनमें से एक ने पुलिस को मामले की सूचना दी.
अनिश्चितकालीन हड़ताल पर अस्पताल के कर्मचारी
गोलीबारी की घटना के बाद अस्पताल के 'रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (आरडीए)' ने विरोध स्वरूप अनिश्चितकालीन हड़ताल कर दी. अस्पताल आरडीए ने एक बयान में सुरक्षा चिंताओं का हवाला देते हुए अनिश्चितकालीन हड़ताल की घोषणा की. बयान में कहा गया है, "हमारे अस्पताल परिसर में हाल ही में हुई एक दुखद घटना के प्रतिक्रियास्वरूप आरडीए ने सोमवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू करने का निर्णय लिया है."
उपराज्यपाल पर लगाए आरोप
इस घटना के मद्देनजर दिल्ली के मंत्री सौरभ भारद्वाज ने रविवार को उपराज्यपाल वी के सक्सेना पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि उनके कार्यभार संभालने के बाद से राजधानी में कानून-व्यवस्था की स्थिति बद से बदतर हो गई है. सोशल मीडिया मंच 'एक्स' पर एक पोस्ट में सौरभ भारद्वाज ने कहा, "उपराज्यपाल साहब आपके आने के बाद पिछले दो सालों में दिल्ली में कानून-व्यवस्था की स्थिति बद से बदतर होती जा रही है. अपराधियों में कानून का डर खत्म हो गया है. दिनदहाड़े अस्पतालों के अंदर गोलियां चल रही हैं."
उन्होंने कहा, "कभी तिहाड़ जेल के अंदर पुलिस के सामने हत्या हो जाती है और पुलिसकर्मी देखते रह जाते हैं. कभी किसी वकील को अदालत के सामने गोली मार दी जाती है. जंगपुरा में हमलावरों ने दिनदहाड़े एक बुजुर्ग व्यक्ति के घर में घुसकर उसकी बेरहमी से हत्या कर दी."
भारद्वाज ने आरोप लगाया कि दिल्ली में दिनदहाड़े हत्याएं अब आम बात हो गई हैं. उन्होंने कहा कि अपराधी बेखौफ हो गए हैं. मंत्री ने सोशल मीडिया मंच पर कई पोस्ट में कहा, "एनसीआरबी के आंकड़ों के अनुसार वर्तमान में पूरे देश में अपराध दर के मामले में दिल्ली सबसे खराब है - प्रति एक लाख जनसंख्या पर 1,832 अपराध. कुल दर्ज आपराधिक मामलों में से केवल 30 प्रतिशत मामलों में ही आरोप पत्र दाखिल किए जा रहे हैं." (भाषा इनपुट के साथ)