दिल्ली के उपराज्यपाल वी. के. सक्सेना ने बुधवार को कहा कि राष्ट्रीय राजधानी सरकार जेल से नहीं चलाई जाएगी. सक्सेना की यह टिप्पणी आम आदमी पार्टी (आप) के नेताओं के उन बयानों की पृष्ठभूमि में आई, जिसमें उन्होंने कहा था कि अरविंद केजरीवाल जेल में रहने के बावजूद मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा नहीं देंगे.
आप नेताओं ने कई मौकों पर केजरीवाल के इस्तीफे से इनकार किया और जोर देकर कहा कि वह जेल के अंदर से अपनी सरकार चलाएंगे.
‘टाइम्स नाउ समिट' में एक सवाल का जवाब देते हुए दिल्ली के उपराज्यपाल ने कहा, ‘‘मैं दिल्ली के लोगों को आश्वस्त कर सकता हूं कि सरकार जेल से नहीं चलेगी.''
केजरीवाल ने मंगलवार को ईडी की हिरासत से अपना दूसरा कार्य आदेश जारी किया और स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि सभी सरकारी अस्पतालों और मोहल्ला क्लीनिक में लोगों के लिए दवाएं और जांच व्यवस्था उपलब्ध हों.
सक्सेना ने परोक्ष रूप से आप सरकार को निशाना बनाते हुए कहा, 'बच्चों के रूप में हम सभी ने 'लोहे के चने चबाना' जैसी एक कहावत सुनी है. दिल्ली आने के बाद मुझे वास्तव में इस कहावत का अर्थ पता चला.''
सक्सेना ने कहा, ‘‘इस शहर में कोई भी काम करवाना 'लोहे के चने चबाने' जैसा लगता है. आप जो भी करने की कोशिश करते हैं, कुछ ताकतें होती हैं जो उस काम को रोकने में अपनी पूरी ताकत झोंक देती हैं, और अगर आप (किसी भी तरह) उस काम को सफलतापूर्वक पूरा कर पाते हैं, तो ये ताकतें श्रेय लेने की कोशिश करती हैं.”
इक्कीस मार्च को केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद दिल्ली की कैबिनेट मंत्री आतिशी ने कहा था कि वह (केजरीवाल) मुख्यमंत्री बने रहेंगे और जरूरत पड़ने पर जेल से दिल्ली की सरकार चलाएंगे.पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने भी कहा था कि पार्टी सुप्रीमो को बदला नहीं जा सकता.
इस बीच, आप और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. आप जहां केजरीवाल की रिहाई की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रही है, वहीं भाजपा केजरीवाल के इस्तीफे की मांग के लिए दबाव बना रही है. केजरीवाल ने अपनी गिरफ्तारी को अदालत में चुनौती दी है.