दिल्‍ली: IGI एयरपोर्ट से फर्जी विंग कमांडर गिरफ्तार, वायुसेना से जुड़े दस्‍तावेज बरामद

भारतीय वायु सेना से सत्यापन के दौरान फिरोज की पहचान संदिग्ध पाई गई. बीसीएएस ने भारतीय वायु सेना के अधिकारियों को घटना के बारे में सूचित किया और 12 अक्टूबर को जब वह अपना पास लेने आया तो उसे पकड़ लिया गया.

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आरोपी फिरोज के पास से भारतीय वायु सेना से जुड़े कुछ दस्तावेज मिले हैं.
नई दिल्ली:

पुलिस ने भारतीय वायु सेना के एक फर्जी अधिकारी को गिरफ्तार किया है. यह शख्‍स खुद को विंग कमांडर बताता था. आरोपी ने हवाई अड्डा प्रवेश पास (एईपी) के नवीनीकरण के लिए ब्यूरो ऑफ सिविल एविएशन सिक्योरिटी (बीसीएएस) से संपर्क किया था. सत्‍यापन के दौरान पहचान संदिग्‍ध पाए जाने के बाद आरोपी जब अपना पास लेने आया तो उसे पकड़ लिया गया और पुलिस को सौंप दिया गया. तलाशी के बाद आरोपी के पास से भारतीय वायुसेना से जुड़े कुछ दस्‍तावेज बरामद किए गए हैं. 

डीसीपी एयरपोर्ट तनु शर्मा के मुताबिक, बीते 12 अक्टूबर को बीसीएएस की ओर से दिल्‍ली के आईजीआई हवाई अड्डे पुलिस थाने में एक शिकायत मिली थी जिसमें यह बताया गया था कि फिरोज गांधी नामक एक शख्स ने 11 अक्टूबर को खुद को भारतीय वायु सेना का विंग कमांडर बताते हुए एईपी के नवीनीकरण के लिए बीसीएएस से संपर्क किया था. उसका आवेदन बीसीएएस को प्राप्त हुआ और यह निर्णय लिया गया कि एईपी आवेदन को सीएसीएस (सेंट्रलाइज्ड एक्सेस कंट्रोल सिस्टम) बायोमेट्रिक पोर्टल पर भारतीय वायु सेना के माध्यम से भेजा जाना चाहिए. आरोपी के पास पहले से ही एक एईपी पास था, जो फर्जी दस्तावेजों के आधार पर प्राप्त किया गया था, जिसे उसने एयरोड्रम एंट्री पास हासिल करने के लिए ब्यूरो ऑफ सिविल एविएशन सिक्योरिटी (बीसीएएस) कार्यालय में जमा किया था. 

शर्मा के मुताबिक, भारतीय वायु सेना से सत्यापन के दौरान आवेदक फिरोज गांधी की पहचान संदिग्ध पाई गई. बीसीएएस ने भारतीय वायु सेना के अधिकारियों को घटना के बारे में सूचित किया और 12 अक्टूबर को जब वह अपना पास लेने आया तो उसे पकड़ लिया गया. उसके पास से भारतीय वायु सेना के कुछ दस्तावेज मिले हैं. इसके बाद आरोपी को पुलिस को सौंप दिया गया और उसके खिलाफ जांच की जा रही है. 

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गीता कॉलोनी के रहने वाले आरोपी फिरोज गांधी ने पूछताछ में खुलासा किया है कि वह 2005 में नेशनल कैडेट कोर (एनसीसी) के एयर विंग में एयरो-मॉडलिंग के इंस्ट्रक्टर रूप में शामिल हुआ था और 2018 तक वहीं काम करता रहा. आरोपी ने बताया कि उसे हमेशा से वायु सेना अधिकारी की वर्दी अच्छी लगती थी और इसलिए उसने एक वायु सेना की वर्दी तैयार करवाई थी. 2019 में उन्होंने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर बीसीएएस से अपना एयरोड्रम एंट्री पास तैयार करवाया और खुद को वायु सेना का विंग कमांडर बताने लगा. 

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बीसीएएस एईपी पास नवंबर 2022 तक वैध था. पकड़े जाने पर वह एईपी पास का नवीनीकरण कराने के लिए बीसीएएस के कार्यालय आया था. पूछताछ के दौरान, यह पता चला है कि आरोपी ने खुद को भारतीय वायु सेना का सेवानिवृत्त विंग कमांडर बताया था और कहा था कि वह वर्तमान में अनुबंध के आधार पर बाल भवन में संपर्क अधिकारी के रूप में कार्यरत था. उसके पास से तलाशी के दौरान कई अधिकारियों के 19 टिकट, 2 भारतीय वायु सेना के अधिकारियों की वर्दी, कैंटीन कार्ड, भारतीय वायु सेना की 3 डायरी भी बरामद की गई है. उसकी कार में वायुसेना के स्टिकर और कई पास लगे थे. इस कार को भी जब्त कर लिया गया है. फिलहाल आरोपी पुलिस रिमांड पर है और उससे पूछताछ कर पता लगाया जा रहा कि उसने जाली दस्तावेज कैसे और कहां से बनवाए. 

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